Snake scam:21 मई: बार अलग-अलग दस्तावेजों में मृत बताया: रमेश नाम के शख्स को 30 बार अलग-अलग दस्तावेजों में मृत बताया गया, वह भी हर बार सांप के काटने से. ऐसा करके भ्रष्ट अधिकारियों ने 1 करोड़ 20 लाख रुपये का गबन किया. इतना ही नहीं, रामकुमार को भी 19 बार मरा दिखाकर 38 फर्जी रिकॉर्ड के जरिए लगभग 81 लाख रुपये गबन किए गए.
Snake scam : एक ही रिकॉर्ड में कई बार संशोधित कर बिल बनाया
इन नामों पर मृत्यु दावा और फसल क्षतिपूर्ति के आधार पर एक ही रिकॉर्ड को बार-बार संशोधित कर नए बिल तैयार किए गए और शासन की राशि को कई खातों में ट्रांसफर किया गया. यह घोटाला वर्ष 2019 से शुरू हुआ और 2022 तक जारी रहा. यानी कमलनाथ सरकार में शुरू हुआ भ्रष्टाचार का सिलसिला शिवराज सरकार तक चला. द रॉयल सोसाइटी ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन एंड हाइजीन जनरल की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2020 से 2022 के बीच यानी दो साल में मध्यप्रदेश सरकार ने सांप के काटने पर 231 करोड़ रुपए का मुआवजा बांटा था. इन दो वर्षों में 5 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी.
जान-पहचान वालों के खातों में राशि ट्रांसफर की
इस घोटाले को एक नहीं बल्कि कई कर्मचारी और अधिकारियों ने मिलकर किया . आरोपी सहायक ग्रेड 3 सचिन दहायक ने तहसील और जिला स्तर पर मौजूद अन्य अधिकारियों की मिलीभगत से शासन के वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (IFMS) को गुमराह किया.जांच में सामने आया है कि मृत व्यक्तियों के नाम पर बिना मृत्यु प्रमाण पत्र, पुलिस वेरिफिकेशन और पीएम रिपोर्ट के भी बिल पास किए जाते रहे. इस पूरे मामले में सबसे खास बात यह है कि इस मामले में सहायक ग्रेड 3 सचिन दहायक के साथ 46 अन्य लोगों के नाम सामने आए हैं, जिनमें तत्कालीन एसडीएम अमित सिंह और पांच तहसीलदारों की भी भूमिका संदिग्ध पाई गई है.
वित्त विभाग की विशेष टीम की जांच में हुआ खुलासा
जबलपुर संभाग के वित्त विभाग की विशेष टीम द्वारा की गई जांच में यह खुलासा हुआ. जांच अधिकारी संयुक्त संचालक रोहित सिंह कौशल ने बताया कि यह रिपोर्ट अब सिवनी कलेक्टर को भेज दी गई है, जो आगे की कार्रवाई करेंगे. अभी तक इस पूरे मामले में सिर्फ एक ही गिरफ्तारी सहायक ग्रेड 3 सचिन दहायक की गई है. जबकि अन्य आरोपियों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
कांग्रेस ने बीजेपी सरकार को घेरा
अब इस मामले में राजनीति भी शुरू हो गई है कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा मध्य प्रदेश में ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जो कभी किसी ने ना देखे हैं ना सुने हैं, सिवनी जिले में एक आदमी को 38 बार सांप ने काट लिया और सांप काटने पर मिलने वाली चार लाख रुपये की राशि का घोटाला हो गया, सिवनी जिले में ऐसे मामलों में 11 करोड़ रुपये का घोटाला हो चुका है तो पूरे राज्य में क्या हाल होगा? वहीं दूसरी ओर बीजेपी कह रही है कि हमारी सरकार में करप्शन के लिए कोई जगह नहीं है, जैसे ही मामला सामने आया जांच हो रही है और किसी आरोपी को छोड़ा नहीं जाएगा.