Weather Update: 2 जून 2025: मध्यप्रदेश में मानसून की एंट्री 10 जून के बाद ही होगी। मौसम विभाग की माने तो अभी मानसून महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ में एक ही जगह पर ठहरा है। पिछले कुछ दिन से ये आगे नहीं बढ़ा है। इधर, मानसून के आने से पहले पूरे प्रदेश में आंधी-बारिश का दौर जारी रहेगा।
Weather Update: 2 जून 2025: सोमवार को जिन जिलों में आंधी-बारिश का अलर्ट है। उनमें भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया, जबलपुर, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, डिंडौरी और नीमच शामिल हैं। यहां हवा की रफ्तार 40 से 50 किलोमीटर प्रतिघंटा तक हो सकती है। हरदा, बड़वानी, खंडवा, खरगोन और बुरहानपुर में मौसम साफ रह सकता है।
Weather Update: 2 जून 2025: इसलिए ऐसा मौसम
सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि अभी तीन साइक्लोनिक सर्कुलेशन और एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव है। जिसका असर प्रदेश में भी देखने को मिलेगा और हल्की बारिश-आंधी का दौर रहेगा। हालांकि, दिन-रात के पारे में भी बढ़ोतरी होगी, लेकिन हीट वेव यानी, लू चलने की संभावना नहीं है।
इस साल मई में टूटे रिकॉर्ड, गर्मी की बजाय आंधी-बारिश
पूरे मई महीने में आंधी, बारिश और ओले वाला मौसम रहा। एक भी दिन ऐसा नहीं रहा, जब प्रदेश के किसी न किसी जिले में आंधी-बारिश न हुई हो। एमपी में ऐसा पहली बार हुआ। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर-जबलपुर समेत कुल 53 जिले भीग गए। सिर्फ निवाड़ी ही ऐसा जिला रहा, जहां बूंदाबांदी तो हुई, लेकिन दर्ज नहीं हो सकी। दूसरी ओर, मई महीने में बारिश के कई रिकॉर्ड भी टूटे। इंदौर में 139 साल में सबसे ज्यादा 4.6 इंच पानी गिरा। वहीं, उज्जैन में सबसे ज्यादा बारिश का ओवरऑल रिकॉर्ड बना।
Weather Update: 2 जून 2025: क्यों रहा ऐसा मौसम?
मई में भीषण गर्मी की बजाय आंधी-बारिश होने के पीछे क्या वजह रही? इसके बारे में मौसम वैज्ञानिक डॉ. सुरेंद्रन ने बताया कि मई की शुरुआत से आखिरी तक प्रदेश में साइक्लोनिक सर्कुलेशन, वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) और टर्फ की एक्टिविटी देखने को मिली। लगातार सिस्टम एक्टिव होते रहे। इस वजह से आंधी-बारिश का दौर भी चलता रहा। आखिरी दिन भी कुछ जिलों में मौसम बदला रहा।
जून में ऐसा रहेगा मौसम
जून में कैसा मौसम रहेगा? इसे लेकर मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी टर्फ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम की एक्टिविटी है। इस वजह से अगले चार दिन यानी, 5 जून तक आंधी-बारिश का अलर्ट है। कई शहरों में दिन-रात के पारे में थोड़ी बढ़ोतरी हो सकती है। उमस भी बढ़ जाएगी। इधर, मानसून 7 से 10 जून के बीच प्रदेश में प्रवेश कर सकता है। यदि पिछले 10 साल के आंकड़ों पर नजर डाले तो मानसून के एंटर होने से पहले प्रदेश में तेज गर्मी का असर रहता है।
भोपाल में 15 जून तक तेज गर्मी
राजधानी में जून महीने में तेज गर्मी और बारिश दोनों का ही ट्रेंड है। पिछले 10 साल में 15 जून से पहले तेज गर्मी का असर रहा। 3 साल तो टेम्प्रेचर 45 डिग्री के पार पहुंच गया। वहीं, रात का टेम्प्रेचर 17.4 डिग्री तक आ गया। साल 2020 में सबसे ज्यादा 16 इंच बारिश हुई थी। पिछले साल भी साढ़े 5 इंच से ज्यादा पानी गिरा था।
इंदौर में पिछले साल हुई थी 4 इंच बारिश
जून में इंदौर में दिन के टेम्प्रेचर में खासी गिरावट होती है। पिछले 4 साल यानी- 2020, 2021, 2022 और 2023 में जून में कम गर्मी पड़ी। पारा 39.6 से 41.1 डिग्री के बीच रहा है। इस महीने कोटे की 20 प्रतिशत तक बारिश हो जाती है। पिछले साल 4 इंच से ज्यादा पानी गिरा था।