---Advertisement---

‘अंडरग्राउंड’ मंत्री की वापसी, विजय शाह फिर कैबिनेट में नजर आए

Vijay Shah in Cabinet Meeting
---Advertisement---

Vijay Shah in Cabinet Meeting, भोपाल, 11 जून 2025: मध्यप्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री विजय शाह आखिरकार करीब डेढ़ महीने की चुप्पी तोड़ते हुए मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में शामिल हुए। वह लंबे समय से सार्वजनिक कार्यक्रमों और मंत्रिमंडल की बैठकों से दूरी बनाए हुए थे। उनकी यह वापसी ऐसे समय में हुई है जब उनके द्वारा सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर दिए गए विवादास्पद बयान पर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में SIT जांच चल रही है।

कैबिनेट बैठक में शामिल होने से एक दिन पहले सोमवार को विजय शाह मुख्यमंत्री मोहन यादव के साथ शहडोल जिले के ब्यौहारी में आयोजित कोल जनजातीय सम्मेलन में भी दिखाई दिए। यह उनकी पहली सार्वजनिक उपस्थिति थी, जिससे सियासी हलकों में फिर से उनकी सक्रियता को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।

गैरहाजिरी पर उठे थे कई सवाल

विजय शाह की पिछले कुछ हफ्तों से हो रही गैरमौजूदगी को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे। विरोधियों का कहना था कि वह अपने बयान को लेकर जांच के चलते ‘अंडरग्राउंड’ हो गए थे। हालांकि, मंगलवार को कैबिनेट बैठक में शामिल होकर उन्होंने इन तमाम अटकलों पर विराम लगाने की कोशिश की है।

Vijay Shah in Cabinet Meeting: क्या था विवादित बयान

दरअसल, विजय शाह ने बीते महीने इंदौर के महू में एक कार्यक्रम के दौरान, सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी का नाम लिए बिना बेहद विवादास्पद बयान दिया था। उन्होंने कहा था—
“पहलगाम में हमला करने वालों को जवाब देने के लिए पीएम मोदी ने उनकी बहन को ही भेजा, जिन्होंने हमारी बेटियों के सिंदूर उजाड़े थे… हमने उनकी बहन भेजकर उनकी ऐसी-तैसी कराई।”

इस बयान के बाद राजनीतिक और सामाजिक गलियारों में जबरदस्त प्रतिक्रिया देखने को मिली। सेना ने भी इस बयान पर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इस तरह की टिप्पणियां सैनिकों के मनोबल को ठेस पहुंचाती हैं।

मामले की गंभीरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया और विशेष जांच टीम (SIT) गठित करने के आदेश दिए। यह जांच अभी भी जारी है और विजय शाह ने अब तक अपने बयान को लेकर कोई खेद प्रकट नहीं किया है।

क्या मंत्री पद पर संकट?

कैबिनेट में उनकी वापसी को लेकर राजनीतिक गलियारों में दो तरह की चर्चाएं हैं। एक धड़ा मानता है कि मुख्यमंत्री के साथ उनकी सार्वजनिक उपस्थिति सरकार की ओर से उन्हें समर्थन का संकेत हो सकती है, जबकि दूसरा इसे सामान्य प्रशासनिक गतिविधि मान रहा है।

विजय शाह मध्यप्रदेश भाजपा के पुराने और कद्दावर नेता हैं। वह कई बार विधायक रह चुके हैं और सरकार में शिक्षा, वन, आदिवासी कल्याण जैसे अहम विभागों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव के करीबी माने जाते हैं और संगठन में भी उनकी मजबूत पकड़ है।

Vijay Shah in Cabinet Meeting: विरोध अब भी जारी

कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर दिए गए बयान के बाद सिर्फ सेना ही नहीं, बल्कि कई सामाजिक संगठनों और विपक्षी दलों ने भी विजय शाह की आलोचना की थी। माफी मांगने की मांग की गई थी, जिसे उन्होंने साफ तौर पर खारिज कर दिया।

फिलहाल, सभी की नजरें SIT जांच के नतीजों पर टिकी हैं। यह देखना बाकी है कि विजय शाह का राजनीतिक भविष्य इस विवाद से किस दिशा में प्रभावित होता है।

Join WhatsApp

Join Now
---Advertisement---

Leave a Comment