Pm Modi G7 Visit, नई दिल्ली, 16 जून 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सोमवार को साइप्रस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III’ से नवाजा गया। यह सम्मान उन्हें राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस ने राजधानी निकोसिया स्थित प्रेसिडेंशियल पैलेस में भव्य समारोह के दौरान प्रदान किया। इस सम्मान के साथ ही पीएम मोदी अब तक 21 देशों से सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्राप्त करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बन गए हैं।
मोदी ने सम्मान स्वीकार करते हुए कहा, “यह सम्मान केवल नरेंद्र मोदी का नहीं, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं, क्षमताओं और हमारी संस्कृति का सम्मान है। मैं साइप्रस सरकार और यहां की जनता का हृदय से आभार प्रकट करता हूं।”
रणनीतिक साझेदारी को मिली नई मजबूती
अपने दो दिवसीय साइप्रस दौरे के दौरान पीएम मोदी और राष्ट्रपति निकोस के बीच द्विपक्षीय बातचीत हुई। इसके बाद साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों नेताओं ने कई अहम मुद्दों पर चर्चा की—जिसमें भारत-साइप्रस संबंध, भारत-यूरोपीय संघ सहयोग और IMEC (इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर) प्रमुख रहे। राष्ट्रपति निकोस ने आतंकवाद के खिलाफ भारत का खुलकर समर्थन करते हुए कहा, “साइप्रस आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ खड़ा है।”
मोदी ने कहा, “भारत और साइप्रस के संबंध किसी तात्कालिक कारण या परिस्थितियों पर आधारित नहीं हैं। हम एक-दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करते हैं।”
Pm Modi G7 Visit: भारत-साइप्रस व्यापारिक रिश्तों को बढ़ावा
भारत-साइप्रस CEO फोरम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने भारत की आर्थिक प्रगति और साइप्रस के साथ व्यापारिक सहयोग को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और जल्द ही तीसरे स्थान पर होगा।
मोदी ने कहा, “हम हर साल भविष्य के बुनियादी ढांचे पर 100 अरब डॉलर से ज्यादा निवेश कर रहे हैं। UPI जैसे डिजिटल समाधान वैश्विक पहचान बना चुके हैं और साइप्रस को भी इसमें शामिल करने की कोशिशें जारी हैं।” उन्होंने स्टार्टअप्स को भारत की नई आर्थिक ताकत बताया।
साइप्रस दौरे के पांच बड़े संदेश
- IMEEC कॉरिडोर में साझेदारी
साइप्रस IMEC परियोजना का हिस्सा है, जिसका मकसद भारत से यूरोप तक व्यापार और ऊर्जा आपूर्ति को सुगम बनाना है। इस पहल को अमेरिका ने चीन के BRI प्रोजेक्ट के जवाब के तौर पर समर्थन दिया है। - तुर्किये-पाकिस्तान गठजोड़ को कड़ा संदेश
1974 से साइप्रस और तुर्किये के बीच तनाव जारी है। तुर्किये, पाकिस्तान के साथ मिलकर नॉर्थ साइप्रस को मान्यता दिलाने की कोशिश में है। हाल में पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे से जोड़ते हुए ‘नॉर्थ साइप्रस’ का जिक्र किया, जिससे साइप्रस असहज हुआ। मोदी की यात्रा इस गठजोड़ को स्पष्ट जवाब के तौर पर देखी जा रही है। - कश्मीर पर भारत को समर्थन
साइप्रस ने कश्मीर मुद्दे पर हमेशा भारत का समर्थन किया है। 2026 में यूरोपीय यूनियन की अध्यक्षता मिलने से पहले साइप्रस ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की आवाज को EU में और मजबूती से रखने का भरोसा दिलाया। - UNSC और NSG में भारत की दावेदारी को समर्थन
साइप्रस लगातार UNSC की स्थायी सदस्यता, न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (NSG) और IAEA में भारत की सदस्यता का समर्थन करता रहा है। वहीं, भारत भी साइप्रस की क्षेत्रीय अखंडता का पक्षधर रहा है। - आपातकाल में भारत को समर्थन
2006 के लेबनान युद्ध और 2011 के लीबिया संघर्ष के दौरान साइप्रस ने भारत को अपने नागरिकों को निकालने में मदद की थी। ‘ऑपरेशन सुकून’ और ‘ऑपरेशन सेफ होमकमिंग’ में साइप्रस की भूमिका अहम रही।
Pm Modi G7 Visit: अब G7 समिट और क्रोएशिया की बारी
Pm Modi G7 Visit: साइप्रस से रवाना होते ही पीएम मोदी कनाडा के अल्बर्टा प्रांत के कनानास्किस पहुंचे, जहां वे 16-17 जून को होने वाली G7 समिट में भाग लेंगे। यह लगातार छठा मौका है जब भारत को G7 बैठक में आमंत्रित किया गया है। इस दौरान पीएम मोदी की कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी से पहली बार मुलाकात होगी।
G7 के बाद 18 जून को पीएम मोदी क्रोएशिया जाएंगे। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली आधिकारिक क्रोएशिया यात्रा होगी। वे राजधानी जाग्रेब में पीएम आंद्रेज प्लेंकोविच और राष्ट्रपति जोरान मिलानोविच से मुलाकात करेंगे।
मोदी को अब तक किन-किन देशों ने सर्वोच्च सम्मान दिया?
अब तक 21 देशों ने पीएम मोदी को अपने देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया है। इसमें सऊदी अरब, अफगानिस्तान, फिलिस्तीन, मालदीव, यूएई, बहरीन, अमेरिका, फिजी, पलाउ, पापुआ न्यू गिनी, मिस्र, फ्रांस, ग्रीस, भूटान, रूस, नाइजीरिया, डोमिनिका, गुयाना, बारबाडोस, कुवैत और अब साइप्रस शामिल हैं।