Mp Govt Promotion News, भोपाल, 17 जून 2025: मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए बड़ी खबर है। नौ साल के लंबे इंतजार के बाद अब उन्हें प्रमोशन का तोहफा मिलेगा। मंगलवार को हुई राज्य सरकार की कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी गई। इस फैसले से करीब चार लाख कर्मचारियों को लाभ मिलने की उम्मीद है, साथ ही दो लाख रिक्त पदों पर नई भर्तियों का रास्ता भी खुलेगा।
कैबिनेट का बड़ा फैसला
कैबिनेट बैठक के बाद मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि इस निर्णय से न केवल कर्मचारियों को प्रमोशन मिलेगा, बल्कि नई भर्तियों के लिए भी अवसर बनेंगे। उन्होंने कहा, “हमने सभी वर्गों, विशेष रूप से अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखा है। यह फैसला मध्यप्रदेश की सरकारी सेवाओं में नई ऊर्जा लाएगा।”
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा, “नौ साल से अटके प्रमोशन के मसले का समाधान हो गया है। इस प्रक्रिया में वरिष्ठता, कार्यक्षमता और आरक्षण के सभी पहलुओं का ध्यान रखा गया है। इससे सरकारी सेवाओं में दो लाख रिक्त पदों पर भर्ती का रास्ता खुलेगा।”
Mp Govt Promotion News: क्यों रुका था प्रमोशन?
2016 से मध्यप्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के प्रमोशन पर रोक लगी थी। इसका कारण था प्रमोशन में आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रहा मामला। साल 2002 में तत्कालीन सरकार ने प्रमोशन में आरक्षण का प्रावधान लागू किया था, जिसके चलते आरक्षित वर्ग के कर्मचारियों को तो प्रमोशन मिलता रहा, लेकिन अनारक्षित वर्ग के कर्मचारी पीछे रह गए।
इस मुद्दे पर विवाद बढ़ने पर कर्मचारी मध्यप्रदेश हाईकोर्ट पहुंचे और प्रमोशन में आरक्षण खत्म करने की मांग की। 30 अप्रैल 2016 को हाईकोर्ट ने मध्यप्रदेश लोक सेवा (पदोन्नति) नियम 2002 को रद्द कर दिया। इसके बाद राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर की, जिसके चलते प्रमोशन पर पूरी तरह रोक लग गई। इस रोक की वजह से अब तक एक लाख से ज्यादा कर्मचारी बिना प्रमोशन के रिटायर हो चुके हैं।
नया फॉर्मूला: प्रमोशन का रास्ता साफ
कैबिनेट ने प्रमोशन के लिए नया फॉर्मूला तैयार किया है, जिसमें निम्नलिखित प्रावधान शामिल हैं:
- पदों का वर्गीकरण: रिक्त पदों को SC-ST (16%-20%) और अनारक्षित वर्ग में बांटा जाएगा। पहले आरक्षित वर्ग के पद भरे जाएंगे, फिर शेष पदों के लिए सभी योग्य उम्मीदवारों को मौका मिलेगा।
- चयन प्रक्रिया:
- क्लास-1 पदों (जैसे डिप्टी कलेक्टर) के लिए मेरिट और वरिष्ठता दोनों के आधार पर सूची बनेगी।
- क्लास-2 और नीचे के पदों के लिए केवल वरिष्ठता के आधार पर सूची तैयार होगी।
- ACR की अनिवार्यता: प्रमोशन के लिए कर्मचारी की गोपनीय चरित्रावली (ACR) का अच्छा होना जरूरी है। पिछले दो साल में कम से कम एक ACR ‘आउटस्टैंडिंग’ या सात साल में चार ACR ‘A+’ होनी चाहिए। यदि कर्मचारी की गलती से ACR नहीं बनी, तो उसे प्रमोशन नहीं मिलेगा।
- प्रमोशन की समयसीमा: हर साल सितंबर से नवंबर के बीच विभागीय पदोन्नति समिति (DPC) की प्रक्रिया होगी। 31 दिसंबर की स्थिति के आधार पर योग्यता तय होगी और 1 जनवरी से पद भरे जाएंगे।
- चयन का तरीका: रिक्त पदों की संख्या के दोगुने उम्मीदवारों को बुलाया जाएगा, साथ ही चार अतिरिक्त उम्मीदवारों को शामिल किया जाएगा। उदाहरण के लिए, 6 पदों के लिए 16 उम्मीदवारों को बुलाया जाएगा।
Mp Govt Promotion Newsक्या होगा खास?
- पहले से प्रमोशन पा चुके कर्मचारियों को हटाया नहीं जाएगा।
- रिटायर हो चुके कर्मचारियों को इस नियम का लाभ नहीं मिलेगा।
- यदि SC-ST के लिए आरक्षित पदों पर योग्य उम्मीदवार नहीं मिलते, तो वे पद रिक्त रहेंगे।
- प्रमोशन में कार्यक्षमता को बढ़ावा देने के लिए रिव्यू DPC का प्रावधान किया गया है।
- विधिक अड़चनों से बचने के लिए अग्रिम DPC की व्यवस्था भी की गई है।
तैयारियों का दौर
मुख्यमंत्री मोहन यादव शुरू से ही कर्मचारियों के प्रमोशन के पक्षधर रहे हैं। तीन महीने पहले उन्होंने सभी पक्षों की सहमति से यह प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया था। सामान्य प्रशासन विभाग ने इसके लिए फॉर्मूला तैयार किया और कई बार मुख्यमंत्री के सामने प्रेजेंटेशन पेश किया।
पिछले हफ्ते 10 जून को कैबिनेट के सामने भी इस फॉर्मूले का प्रेजेंटेशन दिया गया। सपाक्स और अजाक्स जैसे संगठनों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में मुख्य सचिव अनुराग जैन ने यह प्रस्तुति दी। सोमवार देर रात तक मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के बीच इस मुद्दे पर गहन चर्चा हुई, जिसके बाद इसे कैबिनेट के एजेंडे में शामिल किया गया।