Jitu Patwari meet victim’s family: 23जून 2025: छतरपुर जिले के लवकुशनगर थाना क्षेत्र स्थित शुमेडी गांव में शनिवार को दिनदहाड़े हुई सनसनीखेज वारदात ने पूरे इलाके को हिला दिया है, फिल्मी अंदाज़ में हुई किडनैपिंग, मारपीट और खुलेआम फायरिंग की इस घटना ने कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, अब इस मामले पर सियासत भी गरमा गई है.
वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से हो रहा वायरल
यह घटना शनिवार दोपहर की है, बोलेरो और बाइकों पर सवार करीब दर्जनभर हथियारबंद बदमाशों ने गांव में घुसकर हरिराम पाल के घर धावा बोला, बदमाशों ने हरिराम की पत्नी और दो छोटे बच्चों को जबरन गाड़ी में खींचकर अगवा कर लिया, जब हरिराम ने विरोध किया तो उसे बुरी तरह पीटकर अधमरा कर दिया गया, वहीं उसकी मां के साथ भी मारपीट की गई और पूरे गांव में दहशत फैलाने के लिए गोलियां चलाई गईं, वारदात का वीडियो सामने आ चुका है, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.
Jitu Patwari meet victim’s family: प्रेम-प्रसंग से जुड़ा मामला
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि यह मामला एक कथित प्रेम-प्रसंग से जुड़ा है, मुख्य आरोपी संजय सिंह राजपूत ने पूरी साजिश रचकर इस घटना को अंजाम दिया, पुलिस ने अब तक सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और अन्य की तलाश जारी है, वारदात के बाद से गांव में डर का माहौल है, खासकर महिलाएं और बच्चे डरे-सहमे हैं.
Jitu Patwari meet victim’s family: घटना ने लिया राजनीतिक मोड़
जैसे ही यह मामला सामने आया, प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज हो गई, कांग्रेस ने चार सदस्यीय जांच समिति गठित की है, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी सोमवार को पीड़ित परिवार से मुलाकात करने गांव पहुंच रहे हैं। उन्होंने सरकार पर कानून व्यवस्था फेल होने का आरोप लगाया है, वहीं भाजपा की ओर से भी त्वरित प्रतिक्रिया आई, स्थानीय भाजपा विधायक अरविंद पटेरिया ने शुमेडी पहुंचकर पीड़ित परिवार को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया, उन्होंने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से पीड़ित की वीडियो कॉल पर बात करवाई, शर्मा ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया.
ग्रामीण बोले- क्या हम अब सुरक्षित हैं?
इस घटना के बाद शुमेडी गांव में डर और ग़म का माहौल है, ग्रामीणों की आंखों में डर साफ झलक रहा है, महिलाओं और बच्चों का घर से निकलना तक मुश्किल हो गया है, गांववालों का कहना है कि जब दिनदहाड़े हथियार लेकर लोग आकर लोगों को उठा ले जाएं, तो आम आदमी की सुरक्षा की क्या गारंटी रह जाती है.
अब सबकी निगाहें प्रशासन और पुलिस की आगामी कार्रवाई पर टिकी हैं, यह देखना होगा कि क्या इस बार सिस्टम सख्त रुख अपनाएगा या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह फाइलों में दब जाएगा.