Iran Israel War News, नई दिल्ली, 18 जून 2025: ईरान और इज़राइल के बीच भड़की जंग के बीच भारत सरकार ने वहां फंसे अपने नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए एक बड़ा निकासी अभियान शुरू किया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस समय ईरान में करीब 10,000 भारतीय नागरिक मौजूद हैं, जिनमें 6,000 से ज्यादा छात्र शामिल हैं। इन छात्रों में ज्यादातर मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे युवा हैं, जो सस्ती और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की तलाश में ईरान पहुंचे थे।
Iran Israel War News
सरकार के मुताबिक, पहली निकासी फ्लाइट आज रात दिल्ली पहुंच सकती है, जिसमें 90 कश्मीरी छात्रों के होने की संभावना है। इससे पहले, करीब 100 छात्रों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा चुका है।
तेहरान और अन्य शहरों पर इज़राइली हमलों के बाद ईरान में रह रहे भारतीय छात्र खुद को बेहद असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। कई छात्रों ने भारतीय दूतावास से संपर्क कर जल्द से जल्द भारत लौटाने की मांग की है। कुछ को अस्थायी रूप से सुरक्षित इलाकों में भेजा गया है, लेकिन अभी भी हजारों छात्र और नागरिक वहां फंसे हैं।
24×7 कंट्रोल रूम और निकासी की तैयारी तेज
भारत सरकार ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए ईरान में फंसे भारतीयों की सहायता के लिए 24×7 कंट्रोल रूम स्थापित किया है। विदेश मंत्रालय लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए है और अधिक निकासी उड़ानों और सुरक्षित रास्तों की तलाश में जुटा है।
परिवारों ने जताई राहत, लेकिन चिंता भी बाकी
भारत में छात्रों के परिवारों और कई सामाजिक संगठनों ने सरकार की त्वरित कार्रवाई की सराहना की है। सोशल मीडिया पर लोग विदेश मंत्रालय की तत्परता को “जीवनरक्षक और समय पर फैसला” बता रहे हैं। हालांकि, कई लोग यह भी कह रहे हैं कि निकासी अभियान को और तेज करने की ज़रूरत है क्योंकि हजारों छात्र अब भी अनिश्चितता में हैं।
Iran Israel War News: युद्ध का ताज़ा हाल
इज़राइल ने तेज किया हवाई हमला, ईरान के सैन्य ठिकाने निशाने पर
13 जून 2025 से शुरू हुए इस संघर्ष में अब तक ईरान के कई सैन्य और परमाणु ठिकानों पर इज़राइल ने हमले किए हैं। इनमें मिसाइल निर्माण इकाइयों, रडार साइटों और लांचर ठिकानों को नष्ट करने के दावे शामिल हैं। साथ ही रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ आवासीय इलाकों और ईंधन डिपो भी इस जंग की चपेट में आए हैं।
ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक 224 लोगों की मौत हो चुकी है और 1,200 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इनमें से अधिकांश नागरिक बताए जा रहे हैं।
अमेरिका का दावा: “ईरान के आसमान पर हमारा नियंत्रण”
इस पूरे संकट पर अमेरिका ने भी सख्त रुख अपनाया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ने “ईरान के आसमान पर पूर्ण नियंत्रण” हासिल कर लिया है। उन्होंने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई को चेतावनी देते हुए कहा, “हमें पता है वह कहां हैं… लेकिन हम अभी उन्हें मारना नहीं चाहते।”
जवाब में ईरान ने इज़राइल के कई शहरों और कस्बों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए। इसमें कम से कम 24 लोगों की मौत हुई और 592 घायल हुए हैं। इज़राइली सेना (IDF) ने दावा किया है कि उन्होंने 100 से ज्यादा ईरानी ड्रोन (UAV) को हवा में ही मार गिराया।
इज़राइली सेना ने कहा है कि उन्होंने ईरान के सतह से सतह पर मार करने वाले मिसाइल लॉन्चरों का एक तिहाई हिस्सा नष्ट कर दिया है और अब तेहरान के ऊपर पूर्ण हवाई वर्चस्व कायम कर लिया गया है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अपील: शांति बनाए रखें
इस पूरे घटनाक्रम पर चीन, तुर्की और G7 देशों ने दोनों पक्षों से संयम बरतने और तनाव कम करने की अपील की है। लेकिन इज़राइल और ईरान दोनों ही पीछे हटने को तैयार नहीं दिख रहे।
इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ कहा कि यह हमला परमाणु और मिसाइल खतरों को खत्म करने की कोशिश है। उन्होंने संकेत दिया है कि अगर ज़रूरत पड़ी तो अयातुल्ला खामेनेई को भी निशाना बनाया जा सकता है, और यह कदम “संघर्ष के अंत” की ओर ले जा सकता है।