MP Monsoon update: 24जून 2025: मध्यप्रदेश में ट्रफ लाइन और साइक्लोनिक सर्कुलेशन के सक्रिय होने से भारी बारिश का दौर शुरू हो गया है, राज्य के कई हिस्सों में सोमवार को जमकर बारिश हुई, और यही सिलसिला मंगलवार को भी जारी रहने की संभावना है, मौसम विभाग ने शिवपुरी और श्योपुर जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है, जबकि इंदौर, ग्वालियर, भोपाल और जबलपुर समेत 24 जिलों में भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी दी गई है.
अगले 24 घंटे में हो सकती है मूसलाधार बारिश
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, शिवपुरी और श्योपुर में अगले 24 घंटे में 8 इंच से ज्यादा बारिश हो सकती है, वहीं ग्वालियर, गुना, अशोकनगर, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पांढुर्णा और बालाघाट जिलों में अति भारी बारिश की संभावना है, इंदौर, उज्जैन, भिंड, मुरैना, शाजापुर, देवास, रतलाम, विदिशा, रायसेन, सागर, छिंदवाड़ा, सिवनी और मंडला में भी भारी बारिश की संभावना जताई गई है, भोपाल और जबलपुर में यलो अलर्ट जारी किया गया है.
MP Monsoon update: सोमवार को कहर बनी बारिश
सोमवार को राज्य के 20 से ज्यादा जिलों में बारिश हुई। सबसे ज्यादा बारिश शिवपुरी में दर्ज की गई जहां करीब 2 इंच पानी गिरा, छतरपुर के नौगांव में 1.25 इंच, जबकि नरसिंहपुर और खरगोन में तीन-चौथाई इंच बारिश रिकॉर्ड की गई, ग्वालियर, नर्मदापुरम, जबलपुर, खजुराहो, मंडला, सागर, सतना, बड़वानी, गुना और अशोकनगर जैसे जिलों में कहीं तेज तो कहीं रुक-रुक कर बारिश हुई.
रेस्क्यू ऑपरेशन भी चलाए गए
शिवपुरी के कोलारस क्षेत्र के लुकवासा में ज्ञान स्थली स्कूल के छात्रावास में जलभराव हो गया, जिससे वहां फंसे टीचर्स और बच्चों को निकालने के लिए एसडीईआरएफ की टीम बुलाई गई, 10 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया.
अशोकनगर के मुंगावली में भारी बारिश के चलते घरों में पानी भर गया, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा, शिवपुरी के एक घर में आकाशीय बिजली गिरने से खिड़कियों में दरारें आ गईं.
मानसून तय तारीख से सिर्फ एक दिन लेट
इस बार मानसून देश में समय से पहले दस्तक दे चुका था, हालांकि मध्यप्रदेश में यह तय तारीख 15 जून के बजाय 16 जून को पहुंचा, लेकिन महज पांच दिनों में ही राज्य के सभी 55 जिलों को कवर कर लिया गया, पिछली बार मानसून 21 जून को प्रदेश में पहुंचा था.
MP Monsoon update: बारिश का ट्रेंड और तापमान
पिछले 10 वर्षों का रुझान देखें तो भोपाल में जून के पहले पखवाड़े में तेज गर्मी और बारिश का मिश्रण देखा गया है, 2020 में सबसे ज्यादा 16 इंच बारिश हुई थी, जबकि 2024 में जून महीने में 10.9 इंच बारिश दर्ज की गई – जो 10 सालों में दूसरी सबसे अधिक थी.
इंदौर में भी पिछले साल जून में लगभग 4 इंच बारिश दर्ज की गई, ऐतिहासिक आंकड़े बताते हैं कि 1980 में जून के महीने में सबसे अधिक 17 इंच बारिश हुई थी, जबकि 2003 में 24 घंटे में 5 इंच बारिश का रिकॉर्ड बना था.
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन के अनुसार, ट्रफ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन के चलते अगले चार दिन प्रदेश के कई हिस्सों में मूसलाधार बारिश हो सकती है, लोगों से सतर्क रहने और गैरजरूरी यात्राओं से बचने की सलाह दी गई है.