Asaduddin Owaisi:17 मई: हैदराबाद से सांसद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और उसके प्रमुख मोहन भागवत के हालिया बयानों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. अपने दिए गए एक बयान में ओवैसी ने कहा- ‘RSS और मुसलमान समंदर के दो किनारे हैं, जो कभी नहीं मिल सकते.’ उन्होंने भागवत के बयानों को ‘बेतुका’ करार देते हुए खारिज कर दिया और RSS की हिंदुत्व विचारधारा को मुसलमानों के लिए अस्वीकार्य बताया.
Asaduddin Owaisi: हिंदुओं-मुसलमानों का डीएनए एक
ओवैसी ने पीटीआई वीडिय’ को दिए साक्षात्कार में कहा- ‘आप भले ही नजदीकी बताने वाली बातें कर रहे हों, लेकिन ये आपके ही लोग हैं जो यह (मुस्लिम विरोधी) तमाशा कर रहे हैं. अगर आपको लगता है कि वे गलत हैं, तो आप उन्हें क्यों नहीं रोक रहे.’ ओवैसी का यह बयान भागवत के उस दावे के जवाब में आया, जिसमें उन्होंने कहा था कि सभी भारतीय एक ही मूल से आते हैं
RSS और मुसलमान समंदर के दो किनारे
हिंदुओं-मुसलमानों का डीएनए एक है.ओवैसी ने इस बयान को पाखंडपूर्ण बताते हुए कहा कि RSS की विचारधारा भारत की विविधता को नष्ट करना चाहती है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मंदिर-मस्जिद विवादों में RSS समर्थकों की भूमिका है, और भागवत को अपने लोगों को रोकना चाहिए.ओवैसी ने आरएसएस प्रमुख से मिलकर स्पष्टीकरण मांगने की संभावना को भी खारिज कर दिया और कहा- ‘मैं उनसे मिलने के लिए उत्सुक नहीं हूं, मेरे पेट में दर्द नहीं है.’
सभी समुदायों के लिए खुला RSS का दरवाजा
उन्होंने RSS को एक ऐसी विचारधारा वाला संगठन बताया, जो देश को धर्म आधारित राष्ट्र बनाना चाहता है, जो भारतीय संविधान के लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ है.यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है, जब RSS अपने समावेशी दृष्टिकोण का दावा कर रहा है. आरएसएस प्रमुख ने हाल ही में कहा था कि RSS का दरवाजा सभी समुदायों के लिए खुला है, बशर्ते वे ‘भारत माता की जय’ और भगवा झंडे का सम्मान करें. ओवैसी के बयान ने इस दावे पर सवाल उठाए हैं और दोनों पक्षों के बीच वैचारिक खाई को और गहरा कर दिया है.