विश्व हीमोफीलिया दिवस 2025 हर साल 17 अप्रैल को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों में हीमोफीलिया और अन्य रक्तस्राव विकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। यह दिवस लोगों को जांच और इलाज के प्रति प्रेरित करता है और यह बताता है कि हीमोफीलिया एक ऐसा रोग है, जिसमें रक्त का थक्का बनना बंद हो जाता है, जिससे चोट लगने पर खून बहना मुश्किल से बंद होता है।
विश्व हीमोफीलिया दिवस 2025 का थीम
इस साल का थीम “Access for All: Women and Girls Bleed Too” है। इस थीम के माध्यम से महिलाओं और लड़कियों में ब्लड डिसऑर्डर से जुड़ी समस्याओं की पहचान और इलाज पर जोर दिया गया है।
विश्व हीमोफीलिया दिवस 2025 क्यों मनाते हैं 17 अप्रैल को?
विश्व हीमोफीलिया दिवस की शुरुआत 1989 में वर्ल्ड फेडरेशन फॉर हीमोफीलिया (WFH) द्वारा की गई थी। यह दिन WFH के संस्थापक फ्रैंक श्नाबेल के जन्मदिन पर मनाया जाता है, जिन्होंने हीमोफिलिया जागरूकता और उपचार की वकालत की थी।
हीमोफीलिया के मुख्य कारण
यह बीमारी शरीर में क्लॉटिंग फैक्टर (थक्का बनाने वाले प्रोटीन) की कमी या उसकी कार्यक्षमता में गड़बड़ी के कारण होती है। यह एक दुर्लभ विकार है, जो किसी व्यक्ति को जन्म से नहीं होता है, बल्कि बाद में विकसित हो सकता है।
हीमोफीलिया के मुख्य लक्षण:
- मामूली चोट पर ज्यादा खून बहना
- जोड़ों में सूजन, सिरदर्द आदि
- टीकाकरण या दांत निकलवाने के बाद अत्यधिक रक्तस्राव
- नाक से बार-बार खून बहना
हीमोफीलिया से बचाव और सावधानियां:
- अत्यधिक शारीरिक गतिविधियों से बचना
- नियमित फिजियोथेरेपी
- जोड़ों और मांसपेशियों को मजबूत बनाना
- समय पर फैक्टर थेरेपी से इलाज करवाना