Wheat Procurement 2025, 19 मई 2025: मध्यप्रदेश ने इस साल उपार्जन के क्षेत्र में अच्छी प्रगति हासिल की है और देशभर में दूसरे नंबर पर पहुंच गया है. यह जानकारी खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने गुना जिले में जिला अधिकारियों की समीक्षा बैठक के दौरान दी.
मंत्री राजपूत ने बताया कि इस साल गेहूं उपार्जन में पिछले साल के मुकाबले में 60 प्रतिशत ज्यादा रहा. उन्होंने कहा, “हमारा मुख्य उद्देश्य किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाना और उपार्जन प्रक्रिया को पारदर्शी व सुविधाजनक बनाना है.” इस उपलब्धि के लिए उन्होंने उपार्जन से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी. साथ ही, उन्होंने जोर देकर कहा कि जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी भी तरह की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी.
उपार्जन में इस तेज़ी के पीछे समय पर MSP की घोषणा, परिवहन और भंडारण की व्यवस्था को प्रभावी बताया गया. हालांकि, किसानों के बीच उपार्जन प्रक्रिया की पारदर्शिता और समय पर भुगतान को लेकर कुछ चिंताएं भी सामने आती रही हैं, जिन पर ध्यान देने की जरूरत है.
मोबाइल कोर्ट और जल-गंगा संवर्धन अभियान
बैठक में ‘मोबाइल कोर्ट’ की पहल की भी चर्चा हुई, जिसके जरिए जमीनी विवाद, अतिक्रमण और सीमांकन जैसे लंबित मामलों का मौके पर ही निपटारा किया जा रहा है. मंत्री राजपूत ने जल-गंगा संवर्धन अभियान में बेहतर प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को सम्मानित किया.
Wheat Procurement 2025: बंधुआ मजदूरी पर कार्रवाई
कलेक्टर किशोर कन्याल ने बैठक में बंधुआ मजदूरी से मुक्त कराए गए श्रमिकों की जानकारी दी और विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन की प्रगति साझा की.
यह उपलब्धि मध्यप्रदेश के लिए गर्व का विषय है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि उपार्जन प्रक्रिया को और अधिक सुगम बनाने, भंडारण की गुणवत्ता सुधारने और किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने पर ध्यान देना जरूरी है.