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सुप्रीम कोर्ट ने विजय शाह की माफी ठुकराई, SIT जांच के आदेश: कर्नल सोफिया पर टिप्पणी का मामला

Vijay Shah Supreme Court
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Vijay Shah Supreme Court, 19 मई 2025: मध्यप्रदेश के मंत्री कुंवर विजय शाह द्वारा भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए गए विवादित बयान के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उनकी माफी को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए तीन आईपीएस अधिकारियों की विशेष जांच टीम (SIT) गठन करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने माफी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह बचने का तरीका है और कई बार यह “मगरमच्छ के आंसू” जैसी होती है.

विजय शाह ने अपने खिलाफ मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के 14 मई के एफआईआर आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई के दौरान कड़े शब्दों में फटकार लगाई और उनके बयान को गैर-जिम्मेदाराना करार दिया.

क्या था विजय शाह का बयान?

11 मई को इंदौर के महू के रायकुंडा गांव में आयोजित हलमा कार्यक्रम में विजय शाह ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए विवादित टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था, “उन्होंने कपड़े उतार-उतार कर हमारे हिंदुओं को मारा और मोदी जी ने उनकी बहन को उनकी ऐसी की तैसी करने उनके घर भेजा. अब मोदी जी कपड़े तो उतार नहीं सकते. इसलिए उनकी समाज की बहन को भेजा कि तुमने हमारी बहनों को विधवा किया है तो तुम्हारे समाज की बहन आकर तुम्हें नंगा करके छोड़ेगी.”

यह बयान कर्नल सोफिया कुरैशी के संदर्भ में था, जो ऑपरेशन सिंदूर के बाद विंग कमांडर व्योमिका सिंह और विदेश विभाग के सचिव विक्रम मिसरी के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दे रही थीं.

Vijay Shah Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ?

सुनवाई के दौरान शाह के वकील, सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह ने कोर्ट को बताया कि शाह ने अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगी है. इस पर जस्टिस कांत ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा, “कहां है वो माफी? हम देखना चाहेंगे कि आपने किस तरह की माफी मांगी है. कई बार माफी बचने का तरीका होती है या मगरमच्छ के आंसू जैसी. आपका क्या मतलब है? जिस तरह के अभद्र कमेंट किए गए, वो भी बिना सोचे-समझे, और अब आप माफी मांग रहे हैं.”

जस्टिस कांत ने आगे कहा, “आप एक पब्लिक फिगर हैं, अनुभवी नेता हैं. आपको अपने शब्दों पर संयम रखना चाहिए. सेना के लिए हम कम से कम इतना तो कर ही सकते हैं.” शाह के वकील ने फिर से खेद जताया, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज करते हुए कहा, “यह माफी सिर्फ बचने का तरीका है. इससे नहीं लगता कि आप अपनी गलती मान रहे हैं. आप लाखों लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं, आपको एक मिसाल कायम करनी चाहिए.”

Vijay Shah Supreme Court: SIT गठन और कोर्ट के सवाल

कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तीन आईपीएस अधिकारियों की SIT गठन करने का आदेश दिया, जिसमें एक अधिकारी आईजी रैंक का होगा. कोर्ट ने राज्य सरकार से सवाल किया कि जब हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद एफआईआर को फिर से लिखना पड़ा, तब क्या कार्रवाई की गई? जस्टिस कांत ने कहा, “यह आपके लिए लिटमस टेस्ट है.”

शाह के वकील ने दोबारा माफी की पेशकश की, लेकिन कोर्ट ने इसे स्वीकार नहीं किया और कहा, “आप जो करना चाहते हैं, हम आप पर छोड़ते हैं. लेकिन यह संदेश नहीं जाना चाहिए कि आपने कोर्ट के दबाव में माफी मांगी.”

गिरफ्तारी पर रोक

कोर्ट ने आदेश में राज्य के DGP को 20 मई की रात 10 बजे से पहले SIT बनाने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि जब तक SIT जांच चलती है। याचिकाकर्ता (शाह) को जांच में शामिल होने और पूरा सहयोग करने का निर्देश दिया जाता है। साथ ही उनकी गिरफ्तारी पर रोक रहेगी। अगली सुनवाई 28 मई को होगी।

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