Vijay Shah Controversy:20मई: मध्य प्रदेश पुलिस ने सोमवार देर रात तीन सदस्यीय SIT का गठन किया, जिसमें आईजी सागर जोन प्रमोद वर्मा, डीआईजी SAF कल्याण चक्रवर्ती और डिंडौरी की एसपी वाहिनी सिंह शामिल हैं.मध्य प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री कुंवर विजय शाह द्वारा भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ की गई आपत्तिजनक टिप्पणी की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर विशेष जांच दल (SIT) का गठन कर लिया गया है.
Vijay Shah Controversy: 8 दिन में सौंपनी होगी रिपोर्ट
सोमवार को SC में विजय शाह मामले में सुनवाई की. इस दौरान मंत्री साहब से कोर्ट में माफ़ी भी मांगी. मगर कोर्ट ने इस माफी को ‘अस्पष्ट और गैर-ईमानदार’ करार देते हुए उनकी टिप्पणी को ‘घटिया, क्रूर और शर्मनाक’ बताया.सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के DGP को 20 मई 2025 की सुबह 10 बजे तक SIT गठन का निर्देश दिया था. SC ने अपने आदेश में कहा था कि इस टीम में SP रैंक की एक महिला अधिकारी भी शामिल करनी है.
कैसे शुरू हुआ पूरा विवाद?
ये पूरा मामला तब बढ़ा जब मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने 14 मई को शाह के खिलाफ स्वतः संज्ञान लेते हुए FIR दर्ज करने का आदेश दिया. शाह ने कथित तौर पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा था- ‘जिन्होंने हमारी बेटियों का सिंदूर उजाड़ा था, हमने उनकी बहन को भेजकर उनकी ऐसी-तैसी कर दी.’ MP हाई कोर्ट ने मंत्री साहब के इस बयान को ‘अपमानजनक और सांप्रदायिक’ माना. जिसके बाद सपा, कांग्रेस और बसपा जैसे विपक्षी दलों ने मंत्री विजय शाह और बीजेपी पर तीखी प्रतिक्रिया दी.
सुप्रीम कोर्ट ने शाह की गिरफ्तारी पर लगा दी रोक
SC ने उन्हें जांच में पूर्ण सहयोग करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने यह भी कहा कि वह इस मामले पर नजर रखेगा. इस मामले ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है, और अगली सुनवाई 28 मई 2025 को होगी जब SIT रिपोर्ट पेश करेगी.