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सीधी में आदिवासी बस्ती पर बुलडोजर: 100 परिवार बेघर, प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल

Sidhi News
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भोपाल, 30 मई 2025: मध्यप्रदेश के सीधी जिले के डैनीहा में बुधवार को प्रशासन ने सिविल कोर्ट के आदेश पर 80 साल पुरानी आदिवासी बस्ती को ढहा दिया. करीब 100 परिवारों के घर जेसीबी से गिराए गए, जिससे सैकड़ों लोग बेघर हो गए. कुछ को रैन बसेरे में जगह मिली, जबकि बाकी खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं. प्रभावित परिवारों का कहना है कि उन्हें सिर्फ एक दिन पहले नोटिस दिया गया था, और अगले दिन उनके घर तोड़ दिए गए.

Sidhi News: 20 साल पुराना है मामला
जमीन के मालिक मृगेंद्र सिंह ने 20 साल पहले अतिक्रमण हटाने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी. 2020 में कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया, लेकिन तत्कालीन विधायक केदारनाथ शुक्ला के हस्तक्षेप से कार्रवाई टल गई थी. अप्रैल 2024 में सिंह ने क्वांटम ऑफ कोर्ट(न्यायालय के किसी आदेश का जानबूझकर पालन न किया जाना) के तहत नया आवेदन दायर किया, और 7 मई 2025 को फिर उनके पक्ष में आदेश आया. इसके बाद 28 मई को प्रशासन और राजस्व विभाग की टीम जेसीबी के साथ पहुंची और सभी घर गिरा दिए.

बेघर हुए परिवार अपने बच्चों और सामान के साथ कलेक्टर बंगले पहुंचे. प्रशासन ने 40-45 लोगों को रैन बसेरे में ठहराया, जहां उनके लिए खाने-पीने की व्यवस्था की गई. शेष लोग मलबे के पास ही रात बिताने को मजबूर रहे.

Sidhi News: जमीन की कीमत दो करोड़ से अधिक
जिस जमीन से अतिक्रमण हटाया गया, वह करीब एक एकड़ की है और शहर के बीचों-बीच होने के कारण इसकी कीमत दो करोड़ रुपये से ज्यादा आंकी जा रही है.

Sidhi News: जमीन मालिक का बयान
मृगेंद्र सिंह ने कहा, “यह मामला सालों से चल रहा था. यह हमारी जमीन है, और यहां रह रहे आदिवासी परिवारों के पास कोई पट्टा नहीं था. मैंने कानूनी प्रक्रिया का पालन किया और कोर्ट से जीत हासिल की.”

पीड़ितों का दर्द
प्रभावित लखन कोल ने बताया, “हमें एक दिन पहले नोटिस मिला था. हम आदिवासी हैं, ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं हैं. हम जवाब देने की तैयारी कर पाते, उससे पहले ही जेसीबी से हमारे घर तोड़ दिए गए. कलेक्टर बंगले पर हमें सिर्फ आश्वासन मिला, लेकिन कोई ठोस व्यवस्था नहीं हुई.”

एसडीएम नीलेश शर्मा ने बताया, “हमने रैन बसेरे में व्यवस्था की थी, लेकिन कुछ लोग अपना सामान छोड़कर नहीं गए. इसीलिए 40-45 लोग ही रैन बसेरे में रुके, बाकी मलबे के पास हैं.” कई परिवार मलबे के पास प्लास्टिक के तंबू लगाकर रह रहे हैं और ईंटों से चूल्हा बनाकर खाना पका रहे हैं.

Sidhi News: विधायक ने जताई अनभिज्ञता
सीधी की विधायक रीति पाठक ने कहा, “मुझे कार्रवाई की पूरी जानकारी नहीं है. नोटिस के समय यह मामला मेरे संज्ञान में था. अगर लोग बेघर हुए हैं, तो हम रैन बसेरे या अन्य जगहों पर उनकी वैकल्पिक व्यवस्था करवाएंगे.”

आदिवासी नेता ने दी आंदोलन की चेतावनी
आदिवासी नेता विवेक कोल ने कहा, “मैं नागपुर में हूं, लेकिन यह कार्रवाई निंदनीय है. प्रशासन ने पुनर्वास के बारे में नहीं सोचा. बारिश का मौसम आने वाला है, ये लोग अपने बच्चों के साथ कहां जाएंगे? हम संगठन के साथ मिलकर आंदोलन करेंगे.”

पूर्व मंत्री और संगठनों का विरोध
पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल रात 12 बजे डैनीहा पहुंचे और पीड़ितों से मुलाकात की. उन्होंने कहा, “कार्रवाई से पहले पुनर्वास की व्यवस्था होनी चाहिए थी.” शिवसेना सहित कई सामाजिक संगठनों ने कार्रवाई का विरोध करते हुए तत्काल पुनर्वास की मांग की है.

कलेक्टर करेंगे जांच
सीधी कलेक्टर ने कहा कि उन्हें कार्रवाई की पूर्व जानकारी नहीं थी और वे मामले की जांच करेंगे. फिलहाल, सैकड़ों लोग बेघर हैं और प्रशासनिक मदद का इंतजार कर रहे हैं.

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