scholarship scam: 1july2025: मध्यप्रदेश की राजधानी में छात्रवृत्ति के नाम पर करोड़ों रुपये के घोटाले का बड़ा खुलासा हुआ है, केंद्र सरकार की शिकायत के बाद क्राइम ब्रांच ने भोपाल के 40 से ज्यादा स्कूलों और मदरसों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, इन पर लगभग ₹32 करोड़ की स्कॉलरशिप धोखाधड़ी का आरोप है.
मामला उन संस्थानों से जुड़ा है जो केवल कक्षा 10वीं तक मान्यता प्राप्त हैं, लेकिन उन्होंने कक्षा 11वीं और 12वीं के फर्जी छात्र दिखाकर पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय, भारत सरकार से मिलने वाली छात्रवृत्ति हड़प ली.
scholarship scam: 5,700 छात्रों के नाम पर हुआ फर्जीवाड़ा
जानकारी के मुताबिक, मंत्रालय की ओर से 11वीं और 12वीं में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को सालाना ₹5,700 की छात्रवृत्ति दी जाती है, शिकायत में बताया गया है कि भोपाल के 40 से अधिक मदरसों और स्कूलों ने लगभग 1,100 छात्रों के नाम पर स्कॉलरशिप ली, जबकि वे संस्थान केवल 10वीं तक की पढ़ाई के लिए ही अधिकृत हैं.पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि करीब 5,700 छात्रों के नाम पर ₹62 लाख रुपये की राशि ग़लत तरीके से निकाली गई है, पूरा घोटाला अनुमानित रूप से ₹32 करोड़ तक पहुंचता है.
स्कूल संचालकों को भेजे नोटिस
क्राइम ब्रांच ने सभी संस्थानों की मान्यता संबंधी दस्तावेज़ जुटाने शुरू कर दिए हैं, इसके साथ ही स्कूल और मदरसा संचालकों को नोटिस भेजे जा रहे हैं, पुलिस पूछताछ के बाद गिरफ्तारी की कार्रवाई भी कर सकती है.
scholarship scam: पहले भी हो चुकी है मदरसों की जांच
पिछले वर्ष राज्य सरकार ने प्रदेश भर के मदरसों की मान्यता की जांच करवाई थी, जिसमें कई संस्थानों में गंभीर अनियमितताएं पाई गई थीं, खासकर भोपाल, ग्वालियर और चंबल अंचल के मदरसों पर सवाल उठे थे, अब छात्रवृत्ति घोटाले के खुलासे के बाद सरकार दोबारा व्यापक जांच के आदेश दे सकती है.स्कूल शिक्षा विभाग से भी पुलिस जानकारी जुटाएगी कि किन मदरसों को कितनी मान्यता मिली और उन्हें कितना सरकारी भुगतान हुआ.
राष्ट्रीय बाल आयोग ने भी उठाए थे सवाल
इससे पहले राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी मध्यप्रदेश सरकार को मदरसों में चल रहे फर्जीवाड़े को लेकर शिकायत भेजी थी, उसके बाद से ही सरकार अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों की गतिविधियों पर पैनी नजर बनाए हुए है, अब देखना यह होगा कि इस बड़े घोटाले में और कौन-कौन से नाम सामने आते हैं और जांच की आंच किन-किन तक पहुंचती है.