Sarla Mishra murder case, 19 मई 2025: मध्यप्रदेश के बहुचर्चित सरला मिश्रा हत्याकांड में एक बार फिर नया मोड़ आया है. सरला मिश्रा के भाई अनुराग मिश्रा ने सोमवार को भोपाल के टीटी नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई है. इस शिकायत के बाद थाना प्रभारी (टीआई) ने अनुराग मिश्रा को वैधानिक कार्रवाई शुरू करने का आश्वासन दिया है. इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का नाम भी जोड़ा जा रहा है, जिससे उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
पिछले महीने, 17 अप्रैल 2025 को यह जानकारी सामने आई थी कि 1997 में कांग्रेस नेत्री सरला मिश्रा की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत की फाइल 28 साल बाद फिर से खोली जाएगी. पुलिस ने 27 मार्च 2000 को इस मामले में खात्मा रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें दावा किया गया था कि मृतका ने अपने अंतिम बयान में किसी को भी इस घटना के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया. हालांकि, अनुराग मिश्रा ने इस जांच में कमियों और कुछ नए सबूतों के आधार पर न्यायालय में याचिका दायर की थी.
भोपाल की न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सुश्री पलक राय ने अनुराग मिश्रा की प्रोटेस्ट पिटीशन और साक्षियों के बयानों के आधार पर पुलिस की जांच को अपूर्ण माना. अदालत ने टीटी नगर थाना प्रभारी को आदेश दिया कि इस मामले में आगे की जांच की जाए और पूरी विवेचना के बाद अंतिम प्रतिवेदन न्यायालय में पेश किया जाए.
Sarla Mishra murder case: क्या है पूरा मामला?
14 फरवरी 1997 को होशंगाबाद की रहने वाली कांग्रेस नेत्री सरला मिश्रा भोपाल के टीटी नगर थाना क्षेत्र में एक मकान में जली हुई अवस्था में मिली थीं. उन्हें पहले भोपाल के एक अस्पताल में भर्ती किया गया, फिर दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में स्थानांतरित किया गया. 19 फरवरी 1997 को इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई.
परिजनों ने सरला की मौत को हत्या करार देते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी. उस समय भाजपा ने भी इस मामले को लेकर सड़कों पर प्रदर्शन किया था. मध्यप्रदेश के तत्कालीन गृहमंत्री चरणदास महंत ने इस मामले में सीबीआई जांच की घोषणा की थी, लेकिन यह घोषणा कागजों तक सीमित रह गई और जांच का नोटिफिकेशन कभी जारी नहीं हुआ. परिजनों की ओर से सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका को उच्च न्यायालय ने 31 जनवरी 2006 को खारिज कर दिया था.
अनुराग मिश्रा की लंबी कानूनी लड़ाई
सरला मिश्रा के भाई अनुराग मिश्रा ने इस मामले में हार नहीं मानी. उन्होंने 2018 में एक बार फिर याचिका दायर की, जिसमें पुलिस जांच में खामियों और सीबीआई जांच की आवश्यकता पर जोर दिया. हाल की सुनवाई में भोपाल पुलिस आयुक्त ने न्यायालय को बताया कि इस मामले में खात्मा रिपोर्ट पहले ही पेश की जा चुकी है. लेकिन अनुराग मिश्रा की शिकायत और अदालत के आदेश के बाद अब इस मामले में नई जांच शुरू हो रही है.