Pm modi bhopal visit, 30 मई 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मध्यप्रदेश दौरे से ठीक एक दिन पहले कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार पर निशाना साधा है. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार की नीतियों और योजनाओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि “पीएम मोदी कल प्रदेश आ रहे हैं, महिला सशक्तिकरण की बात की जा रही है, लेकिन जनता के असल सवालों के जवाब नहीं मिलेंगे. वादों के फूल जरूर खिलेंगे, मगर जमीनी सच्चाई अब भी अधूरी है.”
Pm modi bhopal visit: आजीविका पर उठाए सवाल
सिंघार ने कहा कि स्व-सहायता समूहों को आजीविका से जोड़ने में सरकार विफल रही है. उन्होंने सवाल उठाया कि आजीविका को लेकर केंद्र या राज्य सरकार की कोई ठोस योजना क्यों नहीं दिखाई दे रही है? लाड़ली बहनों को तीन हजार रुपये प्रतिमाह देने की घोषणा हुई थी, लेकिन अब तक इस पर अमल नहीं हो पाया है.
महिला आरक्षण को लेकर भी उन्होंने सवाल खड़े किए कि देश में महिला आरक्षण कब तक लागू होगा? साथ ही उन्होंने यह भी पूछा कि हाईकोर्ट में केवल 3 प्रतिशत महिला जज क्यों हैं और मध्यप्रदेश पुलिस में 33 प्रतिशत महिला भागीदारी की घोषणा के बावजूद अमल कब होगा?
महंगाई को लेकर सरकार पर निशाना
मेट्रो प्रोजेक्ट में देरी और उससे सरकार को हुए आर्थिक नुकसान को लेकर भी सिंघार ने सरकार से जवाब मांगा. उन्होंने कहा कि “सरकार बताए कि देरी से हुआ नुकसान कैसे भरेगी? क्या मेट्रो का टिकट महंगा किया जाएगा?”
उन्होंने महंगाई पर भी सवाल खड़े किए और पूछा कि “अगर अच्छे दिन आए हैं तो फिर महंगाई क्यों लगातार बढ़ रही है?”
बजट में पारदर्शिता को लेकर सवाल
सिंघार ने कहा कि मप्र के हवाई अड्डों पर क्षमता से कम यात्री क्यों हैं और भोपाल में अंतरराष्ट्रीय हवाई सेवा कब शुरू होगी, इस पर भी सरकार को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए. उन्होंने पूछा कि आदिवासी, पिछड़े वर्ग और देवी अहिल्या पर बात करने वाली सरकार ने इनके लिए बजट में क्या प्रावधान किया है?
साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय परियोजनाओं के लिए मिलने वाला बजट घटता जा रहा है.
Pm modi bhopal visit: योजनाओं की पारदर्शिता पर सवाल
सिंघार ने यह भी कहा कि कई सरकारी पोर्टलों से जानकारी हटाई जा रही है या अपडेट की जा रही है, जिससे आरटीआई की प्रक्रिया पर असर पड़ रहा है. उन्होंने सरकार से आरटीआई नीति को लेकर स्पष्टता की मांग की.
उन्होंने उज्ज्वला योजना की भी चर्चा की और सवाल किया कि “अगर योजना सफल है, तो कई घरों में खाली सिलेंडर छतों पर क्यों पड़े हैं?”
अंत में उन्होंने लोकतंत्र की संस्थाओं की स्वतंत्रता की ओर इशारा करते हुए पूछा कि ऐसी कौन-सी योजना है जिससे ये संस्थाएं बिना दबाव के काम कर सकें?