OBC Reservation: 25 जून 2025: मध्य प्रदेश में OBC वर्ग के लिए सरकारी नौकरियों में 27% आरक्षण लागू नहीं होने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से कड़ा सवाल किया है, 25 जून 2025 को सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने सरकार के रवैये पर नाराजगी जताई और चार जुलाई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.
यह मामला साल 2019 में राज्य विधानसभा द्वारा पारित उस कानून से जुड़ा है, जिसमें OBC वर्ग के लिए आरक्षण की सीमा 14% से बढ़ाकर 27% की गई थी, हालांकि, इसे अब तक सरकारी भर्तियों में लागू नहीं किया गया है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाई है.
कोर्ट की नाराजगी- कानून क्यों नहीं लागू?
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस केबी विश्वनाथन और जस्टिस एन. कोटेश्वर सिंह की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर और अधिवक्ता वरुण ठाकुर ने अदालत में दलील दी कि राज्य सरकार जानबूझकर विधानसभा द्वारा पारित कानून को लागू नहीं कर रही है, जो ‘संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ’ है.
OBC Reservation: सुप्रीम का सवाल- “इंदिरा साहनी केस क्या है?”
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से मशहूर इंदिरा साहनी केस (1992) का उल्लेख करते हुए पूछा कि 50% की आरक्षण सीमा को कैसे पार किया जा सकता है, इस पर अधिवक्ताओं ने दलील दी कि मध्य प्रदेश में OBC की आबादी 51% से अधिक है, जबकि सरकारी नौकरियों में उन्हें केवल 13.66% आरक्षण का लाभ मिल रहा है.
उन्होंने कहा कि 27% आरक्षण का प्रावधान राज्य की सामाजिक-सांख्यिकीय वास्तविकताओं पर आधारित है, और इस पर कोई कानूनी रोक नहीं है। फिर भी सरकार एक पुराने नोटिफिकेशन का सहारा लेकर इसे लागू नहीं कर रही.
PSC भर्तियों में लंबे समय से गतिरोध
याचिका (WP(C) 606/2025) में बताया गया कि राज्य में PSC समेत कई विभागीय भर्तियां OBC आरक्षण को लेकर विवाद के चलते रुकी हुई हैं, हाईकोर्ट ने इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने के आधार पर सुनवाई से इनकार कर दिया, जिससे हजारों युवा बेरोजगार बने हुए हैं, याचिकाकर्ताओं ने इसे संवैधानिक संकट की संज्ञा दी.
87-13% फॉर्मूला भी बना विवाद का कारण
सितंबर 2022 से मध्य प्रदेश में 87-13% फार्मूला लागू है, जिसके तहत PSC और ESB (पूर्व में व्यापमं) की परीक्षाओं के केवल 87% परिणाम घोषित किए जा रहे हैं, शेष 13% पद OBC और अनारक्षित वर्ग के लिए रिजर्व रखे गए हैं, इससे हजारों पद अटके हुए हैं और अभ्यर्थी असमंजस में हैं, OBC वर्ग 13% पदों पर अपना हक मांग रहा है, वहीं कुछ संगठन 50% की सीमा का हवाला देते हुए इसका विरोध कर रहे हैं.
OBC Reservation: क्या 4 जुलाई को मिलेगी राहत?
सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार से स्पष्ट पूछा है कि आखिर क्यों 2019 में पारित कानून को लागू नहीं किया गया, कोर्ट ने 4 जुलाई को अगली सुनवाई तय की है, जिस पर OBC वर्ग के लाखों युवाओं की निगाहें टिकी हैं, यह सुनवाई तय करेगी कि क्या राज्य सरकार को 27% OBC आरक्षण लागू करने का निर्देश मिलेगा या फिर कानूनी लड़ाई और लंबी चलेगी.