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नीट यूजी ‘बत्ती गुल’ विवाद में छात्रों ने मांगा री-एग्जाम, 75 का रिजल्ट अभी भी होल्ड पर

NEET UG Batti Gul Case
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NEET UG Batti Gul Case: 23 जून 2025: नीट यूजी 2025 की परीक्षा के दौरान बिजली गुल होने से प्रभावित छात्रों के मामले में आज एक बार फिर इंदौर हाईकोर्ट में सुनवाई होने जा रही है, यह मामला उन करीब 600 छात्रों से जुड़ा है जिनकी परीक्षा 4 मई को बिजली बाधित होने के कारण प्रभावित हुई थी, प्रभावित छात्रों ने पुन: परीक्षा की मांग करते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, 4 मई को जब नीट यूजी की परीक्षा देशभर में आयोजित की जा रही थी, उसी दौरान मध्य प्रदेश के इंदौर और उज्जैन में तेज आंधी-बारिश के चलते कई परीक्षा केंद्रों की बिजली चली गई थी, इंदौर में जहां करीब दो घंटे तक बिजली नहीं थी, वहीं उज्जैन में 40 से 45 मिनट तक अंधेरा छाया रहा, छात्रों का कहना है कि बिजली गुल होने के कारण केंद्रों पर ना तो पर्याप्त रोशनी थी और ना ही पंखे, जिससे उनका ध्यान भटका और वे परीक्षा सही से नहीं दे सके.

NEET UG Batti Gul Case: कोर्ट में क्या कहा छात्रों ने?

छात्रों की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि जिस परीक्षा का भविष्य उनके करियर को तय करता है, उसमें तकनीकी गड़बड़ियों का असर उनकी मेरिट पर पड़ा है, उन्होंने कोर्ट से मांग की है कि जिन केंद्रों पर बिजली गई थी, वहां के छात्रों को दोबारा परीक्षा देने का मौका मिलना चाहिए.

NEET UG Batti Gul Case: NTA का पक्ष

NTA ने पहले बताया कि इंदौर के 24 सेंटर प्रभावित हुए, लेकिन बाद में कहा कि इंदौर के 18 और उज्जैन के 6 सेंटरों पर असर पड़ा, कुल मिलाकर इन 24 सेंटरों पर 2000 से ज्यादा छात्र परीक्षा में शामिल हुए थे, NTA का दावा है कि उसने केंद्रों पर जनरेटर और कैंडल के जरिए पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था की थी, जिससे छात्रों को कोई असुविधा नहीं हुई.

अब तक की सुनवाई में क्या हुआ?

कोर्ट ने पहले ही एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) से जवाब मांगते हुए 75 याचिकाकर्ताओं का रिजल्ट होल्ड करने का आदेश दिया था, 15 मई को यह आदेश पारित हुआ, जबकि 19 मई को एनटीए ने कोर्ट में माना कि कुछ केंद्रों पर 10 मिनट से 1 घंटे तक बिजली बाधित रही थी.

पिछली सुनवाई 9 जून को हुई थी, जिसमें एनटीए की ओर से भारत सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, पैनल वकील रूपेश कुमार और डिप्टी सॉलिसिटर जनरल रोमेश दवे ने वर्चुअल तरीके से कोर्ट में पक्ष रखा, उन्होंने दावा किया कि हर केंद्र पर पावर बैकअप यानी जनरेटर की व्यवस्था थी, जिससे छात्रों की परीक्षा प्रभावित नहीं हुई.

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