MPPKVVCL Exam Answer Key : 25जून2025: मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (MPPKVVCL) की भर्ती परीक्षा में पूछे गए दो प्रश्नों के उत्तरों को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इसी को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। कोर्ट ने प्रारंभिक सुनवाई करते हुए भर्ती प्रक्रिया को याचिका के अंतिम निर्णय तक के लिए रोक दिया है। साथ ही ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव, MPPKVVCL इंदौर और MP ऑनलाइन के CEO को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब मांगा है.
क्या है मामला?
MPPKVVCL द्वारा प्रदेशभर की विद्युत वितरण और ट्रांसमिशन कंपनियों में 2000 से अधिक पदों पर भर्ती के लिए 9 दिसंबर 2024 को विज्ञापन जारी किया गया था, इसमें कार्यालय सहायक के 818, लाइन परिचारक के 1196, कनिष्ठ अभियंता के 237 समेत अन्य पद शामिल थे। इन पदों के लिए 21 मार्च 2025 को ऑनलाइन परीक्षा आयोजित की गई थी.
MPPKVVCL Exam Answer Key : ऑन्सर की में दो गंभीर गलतियाँ
अभ्यर्थियों का आरोप है कि परीक्षा एजेंसी द्वारा जारी ऑन्सर की में दो प्रमुख प्रश्नों के उत्तर गलत बताए गए हैं:
प्रश्न 16:
प्रश्न था: “मध्य प्रदेश के किस लोक गायक को मालवी बोली में मीराबाई, गोरखनाथ और कबीर भजनों के प्रचार-प्रसार के लिए पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया?”
सही उत्तर: भेरू सिंह चौहान
एजेंसी का उत्तर: कालूराम बामनिया
दूसरा प्रश्न:
प्रश्न था: “25 दिसंबर 2024 को मध्य प्रदेश में किस केंद्रीय मंत्री ने सरकार के 100 दिवसीय एजेंडे के तहत छह नए कार्यक्रम शुरू किए?”
सही उत्तर: ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया
एजेंसी का उत्तर: किरेन रिजिजू
आपत्तियों के बावजूद नहीं हुआ सुधार
सागर निवासी अर्पित साहू, सीहोर निवासी अजय कीर और हिमांशु साहू ने इन प्रश्नों पर साक्ष्यों सहित ऑनलाइन आपत्ति दर्ज कराई थी, निर्धारित फीस भी जमा की गई, लेकिन एजेंसी ने किसी प्रकार का संशोधन नहीं किया.
MPPKVVCL Exam Answer Key : हाईकोर्ट की सख्ती
इससे नाराज़ होकर अभ्यर्थियों ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की शरण ली, 24 जून को हुई सुनवाई में जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ ने प्रमुख सचिव (ऊर्जा विभाग), MPPKVVCL इंदौर और MP ऑनलाइन के CEO को नोटिस भेजते हुए चार सप्ताह में जवाब मांगा है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि पूरी भर्ती प्रक्रिया अब याचिका के अंतिम निर्णय पर निर्भर रहेगी.
याचिकाकर्ता की पैरवी
याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने पक्ष रखा, उन्होंने तर्क दिया कि उत्तरों की गलती से योग्य अभ्यर्थी वंचित हो सकते हैं, जिससे परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल उठता है.