मध्यप्रदेश में पर्यटन का नया रिकॉर्ड: 3.41 करोड़ सैलानी पहुंचे, उज्जैन अव्वल, खजुराहो विदेशियों की पसंद

Mp Tourism, भोपाल, 17 जून 2025: मध्यप्रदेश ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह देश के टॉप टूरिज्म डेस्टिनेशनों में शुमार है। एमपी टूरिज्म बोर्ड द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, साल 2024 में राज्य में रिकॉर्ड 13.41 करोड़ पर्यटक पहुंचे। ये संख्या 2023 की तुलना में करीब 20% ज्यादा है। खास बात ये रही कि उज्जैन अकेले ही 7.32 करोड़ पर्यटकों को आकर्षित करने में सफल रहा। वहीं विदेशी सैलानियों की पसंदीदा जगह बनी खजुराहो, जहां 33 हजार से ज्यादा विदेशी पर्यटक पहुंचे।

धार्मिक स्थलों का दबदबा, महाकाल लोक बना सबसे बड़ा आकर्षण

2024 में धार्मिक पर्यटन ने एमपी की टूरिज्म तस्वीर पूरी तरह बदल दी। उज्जैन में जहां 2023 में 5.28 करोड़ लोग पहुंचे थे, वहीं 2024 में यह आंकड़ा 7.32 करोड़ पर पहुंच गया — यानी 39% की बढ़त। महाकाल मंदिर और महाकाल लोक परियोजना इस बढ़ोतरी की सबसे बड़ी वजह मानी जा रही है।
इसके अलावा चित्रकूट में 1 करोड़, मैहर में 1.33 करोड़, अमरकंटक में 40 लाख, सलकनपुर में 26 लाख और ओंकारेश्वर में 24 लाख श्रद्धालु पहुंचे।

प्रदेश सरकार द्वारा श्रीराम वनगमन पथ, देवी लोक और राजा राम लोक जैसी परियोजनाओं ने धार्मिक स्थलों को न सिर्फ आध्यात्मिक रूप से बल्कि टूरिज्म के लिहाज से भी मजबूत किया है।

Mp Tourism: विदेशी पर्यटकों को भाया विरासत और जंगल का मेल

साल 2024 में एमपी में कुल 1.67 लाख विदेशी सैलानी पहुंचे। इनमें से सबसे ज्यादा 33,131 खजुराहो आए। ग्वालियर में 10,823 और ओरछा में 13,960 विदेशी पर्यटक दर्ज हुए। इंदौर, भोपाल, बाघ अभयारण्य, कान्हा, पन्ना, पेंच और बांधवगढ़ जैसे क्षेत्रों में भी अच्छी खासी विदेशी उपस्थिति देखी गई।

खजुराहो, भीमबेटका और सांची जैसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल तो पहले से ही आकर्षण का केंद्र हैं, लेकिन अब भोजपुर और ग्वालियर भी नई पहचान बना रहे हैं। ग्वालियर को यूनेस्को द्वारा ‘क्रिएटिव सिटी ऑफ म्यूजिक’ का दर्जा मिलना एक बड़ी उपलब्धि रही।

2024 में विरासत पर्यटन ने भी उड़ान भरी। कुल 80 लाख पर्यटक एमपी के ऐतिहासिक स्थलों पर पहुंचे, जो 2023 की तुलना में 25% ज्यादा है। ग्वालियर में 3 गुना इजाफा दर्ज हुआ और 9 लाख से ज्यादा लोग वहां पहुंचे।
खजुराहो में 4.89 लाख, भोजपुर में 35.91 लाख और महेश्वर में 13.53 लाख पर्यटक आए।

मांडू, ओरछा, चंदेरी, बुरहानपुर, रामनगर, चौसठ योगिनी मंदिर, शैल कला स्थल जैसे तमाम विरासत स्थल अब देशी-विदेशी पर्यटकों की लिस्ट में टॉप पर हैं।

जंगल सफारी और चीता प्रोजेक्ट ने बढ़ाया वाइल्डलाइफ क्रेज

एमपी के जंगल भी कम आकर्षक नहीं रहे। टाइगर, लेपर्ड, चीता, घड़ियाल, वल्चर जैसे वन्यजीवों की मौजूदगी ने एडवेंचर टूरिज्म को रफ्तार दी। कुनो पालपुर में अफ्रीकी चीता प्रोजेक्ट ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सुर्खियां बटोरीं।
बांधवगढ़, कान्हा, पन्ना, पेंच जैसे अभयारण्यों में विदेशी पर्यटकों की अच्छी-खासी आमद रही। उदाहरण के लिए बांधवगढ़ में 29,192, कान्हा में 19,148 और पन्ना में 12,762 विदेशी पर्यटक आए।

प्राकृतिक पर्यटन: हनुवंतिया, पचमढ़ी और भेड़ाघाट बने पसंदीदा ठिकाने

प्राकृतिक सौंदर्य की बात करें तो पचमढ़ी, भेड़ाघाट, अमरकंटक, गांधीसागर, सैलानी आइलैंड, तामिया और सरसी आइलैंड सैलानियों को खूब लुभा रहे हैं।
पचमढ़ी में 2.87 लाख और भेड़ाघाट में 2.34 लाख लोग पहुंचे। वाटर स्पोर्ट्स, ट्रेकिंग और एडवेंचर टूरिज्म को प्रमोट करने के लिए कई नई सुविधाएं शुरू की गई हैं।

ग्रामीण पर्यटन और हस्तशिल्प गांवों ने दिखाया स्थानीय रंग

एमपी में ग्रामीण पर्यटन को भी तेजी से बढ़ावा मिल रहा है। 63 टूरिज्म ग्राम विकसित किए गए हैं और 470 से ज्यादा होम स्टे तैयार किए गए हैं। अब तक 24 हजार से ज्यादा सैलानी इन गांवों में ठहर चुके हैं।
चंदेरी का प्राणपुर भारत का पहला हैंडलूम गांव बना है, जहां गोंड, मांडना और भील आर्ट जैसी आदिवासी कलाएं दुनियाभर के पर्यटकों को आकर्षित कर रही हैं।

Mp Tourism: फिल्म टूरिज्म ने दिलाई ग्लोबल पहचान

महेश्वर, चंदेरी, मांडू और खजुराहो जैसे स्थान अब फिल्म प्रोड्यूसर्स की पहली पसंद बन चुके हैं। ‘स्त्री 2’ की शूटिंग के चलते चंदेरी में साल भर में 47,630 पर्यटक पहुंचे।
महेश्वर में 13.53 लाख पर्यटक आए, जहां ‘पद्मावती’, ‘सुई धागा’, ‘महारानी’, ‘पंचायत’ जैसी फिल्मों और वेब सीरीज की शूटिंग हुई। फिल्म ‘होमबाउंड’ को कान्स फिल्म फेस्टिवल में सराहना मिलना भी एमपी के लिए बड़ी उपलब्धि रही।

शहरी पर्यटन: इंदौर बना स्मार्ट टूरिज्म का मॉडल

इंदौर, भोपाल और जबलपुर जैसे शहरी केंद्र भी टूरिज्म में पीछे नहीं हैं। इंदौर में 1.02 करोड़, भोपाल में 22 लाख और जबलपुर में 23 लाख पर्यटक आए।
इंदौर ने लगातार सातवीं बार स्वच्छता में देश में पहला स्थान पाया है, जिससे उसकी पहचान ‘स्वच्छ और स्मार्ट पर्यटन शहर’ के रूप में मजबूत हुई है।

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