MP High Court, 26 मई 2025: कोर्ट केस में बार-बार तारीख मिलने की समस्या से हर कोई वाकिफ है. कई बार मामूली वजहों, जैसे गवाहों की गैर-मौजूदगी, से केस लंबे समय तक खिंचते रहते हैं. इस परेशानी को कम करने के लिए मध्यप्रदेश में केंद्र सरकार की न्यायश्रुति योजना के तहत नया कदम उठाया जा रहा है. प्रदेश में 2000 स्थानों पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (वीसी) सेटअप तैयार किए जाएंगे.
ये वीसी सेटअप साउंडप्रूफ और ईकोप्रूफ कमरों में स्थापित होंगे. इस काम की जिम्मेदारी मप्र स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एससीआरबी) को दी गई है. केंद्र सरकार हर साइट के लिए दो लाख रुपये की सहायता देगी, साथ ही कंप्यूटर, वीसी उपकरण और 100 एमबीपीएस की इंटरनेट लाइन भी उपलब्ध कराई जाएगी. ये सुविधा सभी थानों, एसडीओपी, सीएसपी, एसीपी और एसपी कार्यालयों में शुरू की जाएगी.
इसके लिए दिल्ली के नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर ने एक सॉफ्टवेयर तैयार किया है, जिसे देशभर की पुलिस इस्तेमाल करेगी. मप्र में इस योजना का पहला चरण अगले छह महीनों में शुरू होने की उम्मीद है.
MP High Court: लंबे इंतजार की जरूरत खत्म
यह व्यवस्था खासतौर पर विवेचना अधिकारियों, घटनास्थल पर मौजूद स्टाफ, पंच-साक्षियों, प्रत्यक्षदर्शी गवाहों, मेडिकल रिपोर्ट देने वाले डॉक्टरों और पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार करने वाले चिकित्सकों के लिए होगी. अभी तक इन सभी को कोर्ट में पेश होने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी, भले ही उन्हें सिर्फ ‘हां’ या ‘ना’ में जवाब देना हो. उदाहरण के तौर पर, अगर किसी डॉक्टर ने किसी मामले में मेडिकल रिपोर्ट दी है, तो उसे कोर्ट में सिर्फ यह पुष्टि करने के लिए हाजिर होना पड़ता था कि रिपोर्ट उसने दी थी. कई बार तबादले के बाद भी उन्हें पुराने जिले की कोर्ट में जाना पड़ता था.
स्थानीय थाने से पेशी की सुविधा
MP High Court, न्यायश्रुति योजना के तहत गवाह अपने नजदीकी थाने, सीएसपी या एसपी कार्यालय से वीसी के जरिए पेशी दे सकेंगे. तबादला होने वाले कर्मचारियों को भी अपने मौजूदा जिले से वीसी के माध्यम से कोर्ट में उपस्थित होने की सुविधा मिलेगी. जयदीप प्रसाद, एडीजी, एससीआरबी ने कहा, “इस योजना से गवाहों को काफी सहूलियत होगी. वे अपने स्थानीय थाने से ही पेशी अटेंड कर सकेंगे.”