KK Srivastava Arrest in Bhopal: 23 जून 2025: छत्तीसगढ़ आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी माने जाने वाले केके श्रीवास्तव को 15 करोड़ की ठगी के आरोप में भोपाल से गिरफ्तार किया है, आरोपी पर एक बिल्डर को 500 करोड़ रुपये का सरकारी प्रोजेक्ट दिलाने का झांसा देकर ठगी करने का आरोप है.
KK Srivastava Arrest in Bhopal: एक साल से थे फरार
ईओडब्ल्यू और प्रवर्तन निदेशालय (ED) पिछले एक साल से केके श्रीवास्तव की तलाश कर रहे थे, हाल ही में सुराग मिला कि वह भोपाल के एक होटल में रुका हुआ है, कार्रवाई करते हुए टीम ने मौके पर दबिश देकर उसे गिरफ्तार किया, अब आरोपी को रायपुर लाकर कोर्ट में पेश किया जाएगा.
रायपुर के तेलीबांधा थाने में दर्ज है मामला
यह मामला रायपुर के तेलीबांधा थाने में उत्तर प्रदेश स्थित ‘रावत एसोसिएट’ के एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर अजय कुमार की शिकायत पर दर्ज हुआ था, अजय कुमार के मुताबिक, उनके मालिक अर्जुन रावत से केके श्रीवास्तव ने स्मार्ट सिटी और एनआरडीए जैसी परियोजनाओं में 500 करोड़ रुपये का काम दिलाने का वादा किया और 15 करोड़ रुपये ऐंठ लिए शिकायत में केके श्रीवास्तव के बेटे कंचन श्रीवास्तव का भी नाम है, दोनों पर फर्जी दस्तावेजों और झूठे वादों के जरिए धोखाधड़ी का आरोप है.
KK Srivastava Arrest in Bhopal: क्या है पूरा मामला?
बताया गया कि कांग्रेस शासन के दौरान केके श्रीवास्तव का सीएम हाउस तक सीधा पहुंच थी, इसी रसूख का फायदा उठाकर उसने दिल्ली के कारोबारी अशोक रावत से ठेका दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपये लिए, जब वादा पूरा नहीं हुआ और अशोक ने पैसे वापस मांगे, तो केके ने 17 सितंबर 2023 तक लौटाने का आश्वासन दिया, समय सीमा बीत जाने पर जब दबाव बढ़ा, तो उसने बेटे के खातों से 3.40 करोड़ रुपये लौटाए और तीन-तीन करोड़ रुपये के तीन चेक दिए — जो बाद में बाउंस हो गए.
धमकी भी दी, FIR के बाद गिरफ्तारी
जब चेक क्लियर नहीं हुए और अशोक रावत ने दोबारा संपर्क किया, तो श्रीवास्तव ने कथित तौर पर अपने नक्सली और राजनीतिक संबंधों की धमकी देकर रावत के परिवार को जान से मारने की धमकी दी, इसके बाद अशोक ने तेलीबांधा थाने में FIR दर्ज कराई,आरोपी की जिला न्यायालय से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक अग्रिम जमानत खारिज हो चुकी थी.
जांच में और भी खुलासों की संभावना
ईओडब्ल्यू इस पूरे नेटवर्क की परत-दर-परत जांच कर रही है, शुरुआती जांच में यह मामला सिर्फ ठगी नहीं, बल्कि एक बड़े रैकेट की ओर इशारा कर रहा है, केके श्रीवास्तव से पूछताछ के बाद कई और प्रभावशाली नाम सामने आ सकते हैं.