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Kharif Crops MSP: धान की MSP में तीन प्रतिशत की बढ़ोतरी तीन सालों में सबसे कम

Kharif Crops MSP
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Kharif Crops MSP, 29 मई 2025: केंद्र सरकार ने बुधवार को खरीफ सीजन की प्रमुख फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी. इसके अलावा किसानों के लिए सस्ती दरों पर कर्ज उपलब्ध कराने की योजना को आगे बढ़ाया गया है और आंध्र प्रदेश में एक नया हाईवे प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिली है.

केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में यह फैसले लिए गए. सरकार ने धान (कॉमन वैरायटी) का MSP ₹2,369 प्रति क्विंटल निर्धारित किया है, जो पिछले साल ₹2,300 था. यह करीब 3% की बढ़ोतरी है, जो पिछले तीन सालों में सबसे कम है.

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सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि सरकार ने उत्पादन लागत का कम से कम 1.5 गुना MSP तय करने की नीति का पालन किया है ताकि किसानों को काम से काम 50% का प्रॉफ़िट हो सके.

MSP वह मिनमम प्राइस है जिस पर सरकार किसानों से अनाज खरीदती है, ताकि बाजार में फसल की कीमत गिरने पर किसानों को नुकसान न हो और उन्हें मजबूरी में फसल न बेचना पड़े.

भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा चावल उत्पादक देश है और सबसे बड़ा निर्यातक भी. हालांकि, MSP बढ़ोतरी के बावजूद, कई फसलें किसान बाजार में MSP से कम दाम पर बेचने को मजबूर होते हैं. 2019 से किसानों की यूनिय नें MSP को कानूनी गारंटी देने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रही हैं.

दालों और तिलहनों के लिए MSP में बढ़ोतरी

  • अरहर (तुअर) का MSP ₹450 बढ़ाकर ₹8,000 प्रति क्विंटल किया गया.
  • उड़द का MSP ₹400 बढ़ाकर ₹7,800 प्रति क्विंटल.
  • मूंग ₹86 की बढ़ोतरी के साथ ₹8,768 प्रति क्विंटल.
  • कपास का MSP 8.3% बढ़ाकर ₹7,710 प्रति 100 किलो.
  • सोयाबीन का MSP 8.9% बढ़ाकर ₹5,328 प्रति 100 किलो.

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, यदि नए MSP बाजार में पूरी तरह से लागू होते हैं तो बाजरा पर किसानों को 63%, मक्का पर 59% और अरहर पर भी 59% तक मुनाफा मिल सकता है.

सस्ती दरों पर फसल कर्ज

सरकार ने “संशोधित ब्याज सब्सिडी योजना (MISS)” को 2025-26 तक जारी रखने का फैसला किया है. इस योजना के तहत किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के माध्यम से ₹3 लाख तक के अल्पकालिक फसल ऋण 7% की ब्याज दर पर मिलते हैं. समय पर भुगतान करने वाले किसानों को अतिरिक्त 3% की छूट मिलती है, जिससे उन्हें प्रभावी रूप से 4% की दर पर ऋण मिलता है.

इस योजना पर सरकार को कुल ₹15,640 करोड़ खर्च करने होंगे.

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