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Khandwa gangrape case: विक्रांत भूरिया ने सरकार पर साधा निशाना, बोले- सीएम के पास बोलने का वक्त नहीं

Khandwa gangrape case
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Khandwa gangrape case, 29 मई 2025: मध्यप्रदेश के खालवा थाना क्षेत्र में हाल ही में एक आदिवासी महिला के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म और बर्बरता की घटना को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर निशाना साध रहा है. इसी कड़ी में बुधवार को झाबुआ से विधायक और आदिवासी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विक्रांत भूरिया पीड़ित परिवार से मिलने गांव पहुंचे.

पीड़िता के परिजनों की उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से फोन पर बातचीत करवाई. राहुल गांधी ने भी पीड़िता के बेटे से बातचीत करते हुए पूरी घटना को ध्यानपूर्वक सुना और परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया.

इसके बाद जिला मुख्यालय में मीडिया से चर्चा करते हुए विक्रांत भूरिया ने मुख्यमंत्री सहित पूरी भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के पास गृह मंत्रालय भी है, लेकिन प्रदेश की कानून व्यवस्था दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है. महिलाओं से जुर्म के मामले बढ़ते जा रहे हैं, और यह घटना सिर्फ खंडवा की नहीं, बल्कि पूरे देश को शर्मसार करने वाली है.

Khandwa gangrape case: “मुख्यमंत्री चुप, महिला आयोग नदारद”

विक्रांत भूरिया ने रोशनी पुलिस चौकी क्षेत्र की इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इतनी बर्बरता के बावजूद प्रदेश के मुख्यमंत्री के पास इस पर बोलने तक का समय नहीं है. वहीं, दिल्ली में बैठे राहुल गांधी आदिवासी परिवार से सीधे संवाद कर लेते हैं, लेकिन राज्य महिला आयोग का इस मामले में अब तक कोई संज्ञान नहीं है. उन्होंने सवाल उठाया कि जब यह घटना दिल्ली की निर्भया जैसी है, तो आयोग की चुप्पी क्यों?

उन्होंने कहा कि इस अपराध के पीछे शराब एक प्रमुख कारण है और आदिवासी क्षेत्रों में शराब का अवैध धंधा खुलेआम चल रहा है. धार्मिक स्थलों पर शराब बंद करने की बात करने वाली सरकार आदिवासी अंचलों में इसे अनदेखा कर रही है. प्रदेश में अपराधियों में कानून का डर खत्म हो चुका है और आदिवासी महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं.

“संसद और विधानसभा में उठेगा मुद्दा”

विक्रांत भूरिया ने कहा कि अगर सरकार ने विकास किया है, तो वह ज़मीन पर दिखना चाहिए. पीड़ित परिवार के घर पर छत तक नहीं है, कम से कम टीन शेड तो लगवाया जाए. उन्होंने मांग की कि सरकार 25 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दे और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी प्रदान करे. साथ ही, मुकदमे को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाकर आरोपियों को फांसी की सजा दी जाए.

उन्होंने कहा कि यह घटना सिर्फ एक महिला के साथ नहीं, बल्कि मानवता के खिलाफ है, और इसका असर पूरे देश पर पड़ा है. उन्होंने कहा कि इस मामले को वे स्वयं विधानसभा में और राहुल गांधी संसद में उठाएंगे. भूरिया ने कहा कि राहुल गांधी आदिवासियों के साथ खड़े हैं और उनके अधिकारों व न्याय के लिए संघर्ष जारी रहेगा.

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