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I.N.D.I.A ब्लॉक की बैठक: 16 दल शामिल, ऑपरेशन सिंदूर पर विपक्ष की सख्ती

INDIA Bloc Meeting
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INDIA Bloc Meeting, नई दिल्ली, 3 जून 2025: विपक्षी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और उससे जुड़े घटनाक्रमों पर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। मंगलवार को दिल्ली में हुई बैठक में 16 विपक्षी दलों ने हिस्सा लिया और प्रधानमंत्री को संयुक्त रूप से पत्र लिखकर यह मांग रखी। आम आदमी पार्टी और शरद पवार गुट वाली एनसीपी इस बैठक से नदारद रही।

बैठक में किन दलों ने हिस्सा लिया?

कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके, शिवसेना (उद्धव), आरजेडी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, सीपीआई, सीपीएम, आरएसपी, आईयूएमएल, जेएमएम, वीसीके, केरल कांग्रेस, एमडीएमके और सीपीआई (एमएल) लिबरेशन जैसे दल शामिल हुए। AAP के प्रतिनिधियों ने बैठक से दूरी बनाए रखी, हालांकि TMC सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने बताया कि पार्टी बुधवार को प्रधानमंत्री को अलग से पत्र भेजेगी।

बैठक में शामिल नेताओं ने सरकार से सवाल किया कि आखिर हाल के घटनाक्रमों की पूरी जानकारी संसद को क्यों नहीं दी जा रही। आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा, “एक देश के राष्ट्रपति हर दिन बयान दे रहे हैं, 15 दिन में 13 दावे किए गए हैं। इससे भारत की भावना आहत हुई है। यह सिर्फ सरकार या किसी दल का मसला नहीं, 140 करोड़ भारतीयों का मामला है। ऐसे मौकों पर संसद को बुलाना जिम्मेदारी होती है।”

उन्होंने 1962 में चीन युद्ध के दौरान संसद सत्र बुलाने का हवाला देते हुए कहा कि मौजूदा हालात में भी वैसी ही पारदर्शिता की ज़रूरत है।

INDIA Bloc Meeting: CDS के बयान से गहराया मामला

31 मई को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने सिंगापुर में एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि “मामला यह नहीं है कि कितने फाइटर जेट गिरे, सवाल यह है कि वे गिरे क्यों?” इस बयान के बाद सरकार पर कई सवाल उठे। कांग्रेस ने CDS के बयान का वीडियो क्लिप शेयर करते हुए आरोप लगाया कि सरकार नुकसान छिपा रही है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी से पूछा, “क्या भारत और पाकिस्तान अब फिर एकजुट हो गए हैं? संघर्ष खत्म करने की क्या शर्तें तय हुईं? और देश को इसकी जानकारी क्यों नहीं दी जा रही?”

ममता बनर्जी ने भी की विशेष सत्र की मांग

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि “देशवासियों को हाल की घटनाओं की जानकारी सबसे पहले मिलनी चाहिए। इसलिए डेलिगेशन के लौटने के बाद संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए।”

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