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GST घोटाले की जड़ें गहरी: भोपाल से शुरू होकर महाराष्ट्र तक फैला फर्जीवाड़ा

GST scam
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GST scam: 3 july2025: भोपाल में सामने आए 134 करोड़ रुपये के बड़े जीएसटी फर्जीवाड़े में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) की जांच लगातार गहराती जा रही है, ताजा कार्रवाई में ईओडब्ल्यू ने छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के रूमगा मटियाढांड क्षेत्र से कोयला कारोबारी शेख जफर को गिरफ्तार किया है, शेख जफर पर फर्जी कंपनियों के जरिए करोड़ों की टैक्स चोरी में शामिल होने का आरोप है.

फर्जी फर्म बनाकर हुआ खेल

EOW की जांच में सामने आया है कि आरोपी शेख जफर ने विनोद सहाय के इशारे पर अंबर कोल डिपो और अनय ट्रेडर्स नाम की फर्जी कंपनियां बनाई थीं, इन कंपनियों का लेन-देन भी फर्जी फर्मों — मां रेवा ट्रेडर्स, नमामि ट्रेडर्स और अभिजीत ट्रेडर्स — के माध्यम से दिखाया गया.

कागजी इनवॉइस के जरिए इन कंपनियों ने देश के कई बड़े थर्मल पावर प्लांट्स और उद्योगों — जैसे प्रकाश इंडस्ट्रीज — को बिना कोयला सप्लाई किए इनवॉइस जनरेट किए और इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का भारी लाभ उठाया गया.

GST scam: मास्टरमाइंड के लिए काम करता था आरोपी

ईओडब्ल्यू के मुताबिक, शेख जफर इस घोटाले के मास्टरमाइंड विनोद कुमार सहाय का करीबी सहयोगी है, जबलपुर निवासी विनोद सहाय को पहले ही रांची से गिरफ्तार किया जा चुका है, वह पिछले डेढ़ दशक से फर्जी दस्तावेजों के जरिए कंपनियां बनाकर इस तरह की धोखाधड़ी को अंजाम देता आ रहा है.

512 करोड़ की इनवॉयसिंग

अब तक की जांच में 23 फर्जी कंपनियां और 150 से ज्यादा बैंक खाते सामने आ चुके हैं, आश्चर्य की बात यह है कि इन कंपनियों का कोई गोदाम, स्टॉक या ट्रांसपोर्टेशन रिकॉर्ड नहीं है, फिर भी लगभग 512 करोड़ रुपये की इनवॉयसिंग की गई है, घोटाले का जाल मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ से लेकर महाराष्ट्र तक फैला हुआ है.

GST scam: संगठित नेटवर्क, हर दस्तावेज फर्जी

जांच एजेंसियों को इस घोटाले में बैंक अकाउंट, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, जीएसटी रजिस्ट्रेशन और इनकम टैक्स क्लेम जैसे तमाम दस्तावेजों में आपसी सांठगांठ का प्रमाण मिला है, अधिकांश फर्में विनोद सहाय के प्रत्यक्ष या परोक्ष नियंत्रण में थीं.

जब्त हुआ घोटाले का पूरा सामान

EOW ने शेख जफर के कब्जे से फर्जी सीलें, GST बिल बुक्स, ट्रांसपोर्ट की नकली रसीदें, पैन कार्ड, आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं, अफसरों का मानना है कि यह घोटाला 134 करोड़ से भी ज्यादा का हो सकता है.

GST scam: 2009 से चल रहा है यह फर्जी कारोबार

विनोद सहाय का नाम पहली बार नहीं आया है, जांच में यह भी सामने आया है कि वह 2009 से लोगों के नाम पर फर्जी फर्में बनाकर, खुद को लोन एजेंट बताकर उनसे पैन, आधार और बैंक डिटेल्स लेता था और जीएसटी रजिस्ट्रेशन कर फर्जीवाड़े को अंजाम देता था.

डंपिंग यार्ड से चोरी का कोयला सप्लाई

शेख जफर ने यह भी कबूल किया है कि उसका मरवाही के पास एक डंपिंग यार्ड है, जहां से वह चोरी का कोयला मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के कई हिस्सों में भेजता था.

GST scam: कोयलेकी आड़ में फर्जी बिलिंग

EOW के अनुसार, जफर की अंबर कोल डिपो और अनम ट्रेडर्स नाम की फर्में फर्जी बिलिंग में शामिल थीं, इस नेटवर्क से जुड़ी अन्य फर्मों में अभिजीत ट्रेडर्स, मां रेवा ट्रेडर्स, नमामि ट्रेडर्स, महामाया ट्रेडर्स और जगदंबा कोल कैरियर्स के नाम भी सामने आए हैं, जिनका संबंध सीधे विनोद सहाय से है.

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