---Advertisement---

बीज के लिए भटकते किसान, सरकारी आंकड़ों में उपलब्धता का दावा

Soybean Beej
---Advertisement---

Soybean Beej, 03 जून 2025: मध्य प्रदेश के किसानों के सामने खरीफ सीजन की शुरुआत से पहले ही बीज संकट खड़ा हो गया है। राज्य में सामान्य से अधिक बारिश का पूर्वानुमान है, जिससे फसल की संभावनाएं तो बढ़ी हैं, लेकिन खासकर सोयाबीन की खेती करने वाले किसानों को समय पर प्रमाणित बीज नहीं मिल पा रहे हैं। ऐसे में कुछ किसान वैकल्पिक फसलें जैसे उड़द, मक्का या धान की ओर रुख कर रहे हैं।

बीज की किल्लत, मंडी से खरीदने को मजबूर किसान

देश में सबसे अधिक सोयाबीन उत्पादन करने वाले मध्य प्रदेश में इस बार किसानों को प्रमाणित और उपचारित बीज की उपलब्धता में परेशानी हो रही है। कई किसान स्थानीय मंडियों या एक-दूसरे से बीज खरीदने को मजबूर हैं। सीहोर जिले के किसानों ने बताया कि वे मंडी से बीज जुटा रहे हैं, जबकि कुछ किसान अपनी पिछली फसल का ही बीज इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि, इन बीजों की गुणवत्ता और प्रमाणिकता को लेकर सवाल हैं।

Soybean Beej: सोयाबीन की जगह वैकल्पिक फसलें

बीज संकट का असर यह हुआ है कि कुछ किसानों ने सोयाबीन की जगह वैकल्पिक फसलें अपनाने का फैसला किया है। विशेषकर जिन इलाकों में पानी की उपलब्धता अधिक है, वहां किसान धान की ओर जा रहे हैं। वहीं अन्य क्षेत्रों में उड़द और मक्का को प्राथमिकता दी जा रही है।

कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि यदि किसान उन्नत किस्मों का चयन करें और वैज्ञानिक पद्धतियों का उपयोग करें, तो प्रति एकड़ 10 क्विंटल तक सोयाबीन उत्पादन संभव है। लेकिन यह भी तभी मुमकिन है जब बीज समय पर और सही गुणवत्ता के मिलें।

सरकारी आंकड़ों में बीज प्रमाणीकरण जारी

राज्य के कृषि मंत्री एदल सिंह कंषाना ने जानकारी दी कि खरीफ 2024 के लिए 1.24 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बीज प्रमाणीकरण हुआ है और 15 लाख क्विंटल बीज प्रमाणित किया गया है। हालांकि, जमीनी स्तर पर किसानों को इन प्रमाणित बीजों की उपलब्धता नहीं हो पा रही है। किसानों का कहना है कि निजी और सरकारी दोनों स्रोतों से बीज मिलना मुश्किल हो रहा है।

कृषि विभाग के उपसंचालक के.के. पांडे ने बताया कि सोयाबीन की किस्मों को पकने के समय के आधार पर तीन वर्गों में बांटा गया है—जल्दी, मध्यम और देर से पकने वाली किस्में। किसानों को बोवनी से पहले यह देखना चाहिए कि वे किस समय की किस्म बो रहे हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जिले में पर्याप्त उपचारित बीज उपलब्ध हैं, लेकिन किसानों को बीज खरीदने से पहले उसकी जांच जरूर करनी चाहिए।

Join WhatsApp

Join Now
---Advertisement---

Leave a Comment