Electricity Smart Meter: 1july 2025: शहर में स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के लिए राहत की बजाय मुसीबत बनते जा रहे हैं, बिजली वितरण कंपनी द्वारा पुराने मीटर हटाकर लगाए गए स्मार्ट मीटरों के चलते कई उपभोक्ताओं को लाखों रुपए के बिल थमा दिए गए हैं, स्थिति इतनी बिगड़ गई कि होमगार्ड रोड निवासी बुजुर्ग मुरारीलाल तिवारी को 69 लाख 75 हजार रुपए का बिल मिलने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा.
Electricity Smart Meter: लाखों के बिल से उपभोक्ता परेशान
बिजली विभाग द्वारा स्मार्ट मीटर लगाने को लेकर पारदर्शिता और उपभोक्ता सहमति की बात तो दूर, इनसे जुड़ी गड़बड़ियां अब भारी पड़ रही हैं, बुजुर्ग मुरारीलाल तिवारी, जो पत्नी के साथ अकेले रहते हैं, कुछ समय के लिए बेटे के पास बेंगलुरु गए थे, लौटने पर उन्होंने देखा कि स्मार्ट मीटर लग चुका है और उस पर बिल की राशि है ₹69,75,854.
तिवारी बताते हैं, “हम बहुत सीमित बिजली इस्तेमाल करते हैं, अब मीटर में केवल 219 यूनिट दिखा रहा है, फिर भी यह बिल कैसे आया? इस बिल को देखकर मेरा ब्लड प्रेशर बढ़ गया और मुझे चक्कर आ गए,” उन्होंने तुरंत शिकायत दर्ज कराई, लेकिन एक महीने बाद भी न कोई जांच हुई, न अफसर मिले, उल्टा अगली बार बिल में 1 लाख रुपए की पेनल्टी और जोड़ दी गई.
Electricity Smart Meter: पड़ोसी को भी 68 लाख का बिल
तिवारी के पड़ोसी और जिला पंचायत में कार्यरत महेंद्र सिंह रघुवंशी को भी ₹68 लाख का बिल थमा दिया गया, उन्होंने भी शिकायत की, लेकिन बिजली विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की,तिवारी कहते हैं, “बिजली कंपनी पारदर्शिता का दावा कर रही है, लेकिन असलियत में आम उपभोक्ताओं को आर्थिक संकट में डाला जा रहा है.
मजदूरों पर भी भारी पड़ा स्मार्ट मीटर
विदिशा की झुग्गी बस्तियों में हालात और खराब हैं, मजदूरी करने वाली रूबी सैनी को ₹7.10 लाख, टाइल्स लगाने वाले योगेश अहिरवार को ₹7.08 लाख, और झोपड़ी में रहने वाली किरण अहिरवार को ₹7 लाख से अधिक का बिल थमा दिया गया.
Electricity Smart Meter: अधिकारियों के पास नहीं कोई जवाब
बिजली कंपनी के डिवीजनल इंजीनियर अरविंद वर्मा का कहना है, “करीब 15 उपभोक्ताओं के बिलों में गड़बड़ी की शिकायत मिली है, ये समस्या सॉफ्टवेयर की तकनीकी खामी से हुई है, जिसे ठीक किया जा रहा है.
7 हजार स्मार्ट मीटरों में 107 में गड़बड़ी
विद्युत कंपनी के जोन-2 प्रभारी शरद महोबिया ने बताया कि अब तक 7,000 स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं, जिनमें से 107 उपभोक्ताओं के बिल में गड़बड़ी पाई गई है, स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य एक निजी कंपनी को सौंपा गया था, आरोप है कि उनके कर्मचारियों ने रीडिंग लेने में लापरवाही की, जिससे गलत बिल तैयार हुए.