Eco friendly Eid: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal) में ‘संस्कृति बचाओ मंच’ (Aanskrti Bachao Manch) नाम के हिंदू संगठन ने मुस्लिम धर्मगुरुओं से ईको फ्रेंडली बकरा (Eco friendly goat) ईद मनाने की अपील की है। मंच ने पर्यावरण की रक्षा के लिए इस त्योहार पर मिट्टी और घास से बने बकरे की कुर्बानी देने का अनुरोध किया है। अपनी इस मांग को लेकर मंच ने शहर काजी समेत अन्य मुस्लिम धर्मगुरुओं को पत्र भी लिखा है। इस बारे में जानकारी देते हुए मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने कहा कि अगर दीवाली, होली जैसे हिंदुओं के त्योहार ईको फ्रेंडली हो सकते हैं, तो बकरा ईद क्यों नहीं हो सकती।
Eco friendly Eid:30 मई : संस्कृति बचाओ मंच ने ईको फ्रेंडली बकरे भी किए तैयार
इस विषय को लेकर अपना एक वीडियो जारी करते हुए संस्कृति बचाओ मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने मुस्लिम धर्मगुरुओं से मिट्टी व घास से बने बकरों की कुर्बानी देने की अपील की। इस वीडियो में उन्होंने कहा, ‘संस्कृति बचाओ मंच मुस्लिम धर्मगुरुओं से यह मांग करता है, जब हमारे त्योहार ईको फ्रेंडली हो सकते हैं, हमारी दीवाली ईको फ्रेंडली हो सकती है, हमारी होली ईको फ्रेंडली हो सकती है, हमारे गणेश जी की ईको फ्रेंडली प्रतिमाओं का विसर्जन हो सकता है, तो क्या ईद ईको फ्रेंडली नहीं हो सकती। इससे जीव हिंसा भी नहीं होगी और लाखों गैलन पानी भी बचेगा। इसके लिए मंच ने ईको फ्रेंडली बकरे भी तैयार करवा लिए हैं, जिन्हें वह मुस्लिम समुदाय के लोगों को देने को भी तैयार है। प्रतीकात्मक बकरों की कुर्बानी दीजिए, जिससे कि खून-खच्चर भी नहीं होगा और खून का प्रदूषण भी नहीं होगा।
Eco friendly Eid: संस्कृति बचाओ मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी
आगे उन्होंने कहा कि ‘खून को बहाने के लिए हजारों-लाखों गैलन पानी लगता है, उसकी भी बर्बादी नहीं होगी। चार साल पहले भी हमने यह मांग की थी। इसलिए संस्कृति बचाओ मंच मुस्लिम धर्मगुरुओं से यह मांग करता है कि आप ईको फ्रेंडली बकरा ईद मनाए। साथ ही हम हिंदू समाज से भी मांग करते हैं कि जो हिंदू मुस्लिमों को बकरे बेच रहे हैं, वो ना बेचें, क्योंकि हमारे यहां तो कहा गया है कि हर जीव में प्राण होते हैं, हर जीव में भगवान का वास होता है। इसलिए निवेदन है कि जो हिंदू बकरे बेच रहे हैं वो भी मुस्लिमों को बकरे ना बेचें तो अति उत्तम होगा।