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शहडोल में जल संरक्षण अभियान बना ‘मेवा पार्टी’, चौपाल में अफसरों को काजू-बादाम से किया गया स्वागत

Dry Fruit Scam In Shahdol
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Dry Fruit Scam In Shahdol: 10july2025: मध्य प्रदेश के शहडोल जिले की भदवाही ग्राम पंचायत में जल संरक्षण अभियान के नाम पर ऐसा जलवा दिखा कि अफसरों की थालियों में काजू-बादाम और घी-दूध की भरमार नजर आई, सरकार जहां जल गंगा संवर्धन अभियान के जरिए लोगों को पानी बचाने की सीख दे रही है, वहीं भदवाही में चौपाल की आड़ में हुई मेहमाननवाजी अब सवालों के घेरे में आ गई है.

Dry Fruit Scam In Shahdol: जल चौपाल बना ‘दावत चौपाल’

शहडोल के गोहपारू जनपद की इस पंचायत में बीते महीने जल चौपाल का आयोजन किया गया था, इसका उद्देश्य गांव-गांव जाकर जल संरक्षण को लेकर जागरूकता फैलाना था, लेकिन कार्यक्रम का स्वरूप किसी शादी समारोह से कम नहीं रहा.

‘जल चौपाल’ की मेज पर

पंचायत रजिस्टर में दर्ज खर्च के मुताबिक, अफसरों की खातिरदारी में 5 किलो काजू, 5 किलो बादाम, 3 किलो किशमिश, 30 किलो नमकीन, 20 पैकेट बिस्किट, 6 किलो दूध, 5 किलो चीनी और 2 किलो घी परोस दिया गया, इस ‘जल चौपाल’ की मेज पर 19,000 रुपये से ज्यादा का खर्च बैठा, वहीं एक और बिल 5,260 रुपये का अलग से पेश किया गया, जिसमें विशेष रूप से घी शामिल है.

Dry Fruit Scam In Shahdol: सवाल उठता है: मेवा कहां से आया?

जब गांव के कुएं, तालाब और नाले सूख चुके हैं, तो जल संवर्धन अभियान में अफसरों की प्लेट में मेवा कैसे पहुंच गया, इस सवाल ने जिला प्रशासन को असहज कर दिया है, ग्रामीणों का कहना है कि वे तो रोज पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं और यहां अफसर काजू-बादाम चबाकर चले गए.

पानी बचाने आए, पर खर्च बढ़ा गए”

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल पर राज्यभर में जल संरक्षण अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन जब इस नेक मुहिम को निचले स्तर पर ‘खर्च संवर्धन योजना’ बना दिया जाए, तो असल मकसद पर ही पानी फिर जाता है.

Dry Fruit Scam In Shahdol: प्रशासन ने कहा– होगी जांच

इस पूरे मामले पर जिला पंचायत प्रभारी सीईओ मुद्रिका सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “जल गंगा संवर्धन कार्यक्रम के तहत चाय-नाश्ते की सामान्य व्यवस्था की गई थी, लेकिन काजू-बादाम और किशमिश जैसे खर्च के बिल सामने आए हैं, इसकी जांच कराई जाएगी.

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