Digvijay’s Brother Laxman Expelled From : 11 june 2025: कांग्रेस पार्टी ने सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के छोटे भाई और वरिष्ठ नेता लक्ष्मण सिंह को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है, पार्टी ने यह फैसला उनके लगातार पार्टी विरोधी बयानों और अनुशासनहीन व्यवहार को लेकर लिया है। कांग्रेस की अनुशासन समिति के सदस्य तारिक अनवर ने इस निष्कासन की घोषणा की.
Digvijay’s Brother Laxman Expelled From: पार्टी विरोधी बयान, अनुशासनहीन व्यवहार
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘संगठन सृजन अभियान’की शुरुआत की थी, इस अभियान के बाद ही पार्टी से उन लोगो को निकला जा रहा है, जो पार्टी को लेकर विरोधी बयान और अनुशासनहीन व्यवहार कर रहे है, 24 अप्रैल को उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और उनके रिश्तेदार रॉबर्ट वाड्रा पर तीखे शब्दों में हमला बोला था, उन्होंने कहा था, “हम राहुल और रॉबर्ट का बचपना कब तक झेलेंगे? पार्टी नेताओं को सोच-समझकर बोलना चाहिए, नहीं तो चुनावी नतीजे भुगतने पड़ेंगे.”
इतना ही नहीं, उन्होंने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर भी आतंकियों से ‘मिले होने’ का आरोप लगाया था, उनके इन बयानों ने पार्टी को असहज स्थिति में ला खड़ा किया.
कारण बताओ नोटिस कांग्रेस ने दिया था
कांग्रेस ने लक्ष्मण सिंह के बयानों को गंभीरता से लेते हुए 9 मई को उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था अनुशासन समिति ने उनसे 10 दिनों के भीतर जवाब मांगा, लेकिन उनका जवाब पार्टी को संतोषजनक नहीं लगा, इसके बाद पार्टी ने उन्हें निष्कासित करने की अनुशंसा की, जिसे कांग्रेस आलाकमान की मंजूरी के बाद लागू कर दिया गया.
Digvijay’s Brother Laxman Expelled From: वर्षों से उपेक्षा का दर्द
लक्ष्मण सिंह मध्यप्रदेश की राजनीति में एक पहचाना नाम हैं, वे चाचौड़ा से विधायक और पूर्व सांसद रह चुके हैं, लेकिन अक्सर उन्हें अपने ही परिवार में उपेक्षित महसूस करने की बात कहते सुना गया है, 2018 में जब कांग्रेस ने राज्य में 15 साल बाद सत्ता में वापसी की, तब लक्ष्मण को उम्मीद थी कि उन्हें मंत्री बनाया जाएगा लेकिन उनकी जगह दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह को कैबिनेट में जगह दी गई, जिससे लक्ष्मण आहत हुए.
कश्मीर हमले पर सवाल, सुरक्षा पर उठाए सवाल
24 अप्रैल को गुना के राघौगढ़ में एक आतंकी हमले के विरोध में हुए प्रदर्शन में शामिल होकर लक्ष्मण सिंह ने सरकार की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए उन्होंने कहा था, “जहां टूरिस्ट थे, वहां पुलिस क्यों नहीं थी? एक सिपाही तक मौजूद नहीं था चुनी हुई सरकार तय करती है कि सुरक्षा बल कहां लगेंगे। अगर वहां चूक हुई है तो दोष किसका है?”
कांग्रेस ने दी सख्त चेतावनी
कांग्रेस ने अपने नोटिस में साफ किया था कि सार्वजनिक मंचों पर पार्टी नेतृत्व के प्रति असम्मानजनक टिप्पणियां स्वीकार्य नहीं हैं पार्टी का कहना है कि ऐसे बयानों से संगठन की छवि खराब होती है और कार्यकर्ताओं में भ्रम की स्थिति पैदा होती है.