Bhopal Accountant Retirement Case: 21 जून 2025: बेटे का 43 साल लंबा संघर्ष आखिरकार रंग लाया, यह फैसला ना सिर्फ न्याय की जीत है, बल्कि सरकारी तंत्र की सुस्त कार्यप्रणाली पर करारा तमाचा भी है, मध्यप्रदेश राज्य उपभोक्ता आयोग ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की लापरवाही पर सख्त रुख अपनाते हुए, करीब 6 लाख रुपये की मूल PF राशि पर ब्याज सहित कुल 28 लाख रुपये चुकाने का आदेश दिया है.
10 फरवरी 1982 को सेवा के दौरान उनका निधन हो गया, इसके एक साल बाद बेटे सदाशिव को अनुकंपा नियुक्ति मिली, लेकिन पिता की भविष्य निधि (PF) की राशि उन्हें कभी नहीं मिली.यह मामला सीधी जिले के निवासी सदाशिव परांडे से जुड़ा है, उनके पिता बाला साहेब परांडे मध्यप्रदेश राज्य सहकारी बैंक, भोपाल में सब-अकाउंटेंट के पद पर कार्यरत थे.
Bhopal Accountant Retirement Case: दिव्यांग बेटे का दशकों लंबा संघर्ष
दिव्यांग होने के बावजूद सदाशिव परांडे ने 1983 में चपरासी के रूप में सेवा शुरू की और 2020 में सेवानिवृत्त हो गए, लेकिन उनके पिता की PF राशि अब भी अटकी हुई थी, उन्होंने बार-बार फॉर्म-20, मृत्यु प्रमाण पत्र, परिवार सूची और अन्य आवश्यक दस्तावेज बैंक और EPFO को सौंपे, लेकिन हर बार तकनीकी कारण बताकर दस्तावेज लौटा दिए गए.
EPFO की बेरुखी, बैंक ने निभाई जिम्मेदारी
बैंक की ओर से 2021, 2022 और 2023 में तीन बार — 10 मार्च 2021, 14 अक्टूबर 2021 और 11 अक्टूबर 2023 को — EPFO को दस्तावेज भेजे गए, लेकिन EPFO ने कभी स्पष्ट नहीं किया कि कौन से दस्तावेज अधूरे हैं, उपभोक्ता आयोग ने इसे गंभीर सेवा में कमी माना.
2021 में दाखिल किया परिवाद, 2025 में आया फैसला
थक-हारकर सदाशिव ने 2021 में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 35 के तहत भोपाल जिला उपभोक्ता आयोग में केस दायर किया, मामला 23 सितंबर 2022 से चल रहा था, आखिरकार 10 जून 2025 को आयोग की बेंच-2 (अध्यक्ष गिरिबाला सिंह, सदस्य अंजुम फिरोज और प्रीति मुद्गल) ने EPFO को दोषी ठहराया और 6 लाख रुपये की राशि पर चार दशकों का ब्याज जोड़ते हुए 28 लाख रुपये भुगतान का आदेश दिया.
Bhopal Accountant Retirement Case: यह फैसला बनेगा मिसाल
सीनियर अधिवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कहा, “इस ऐतिहासिक फैसले से उन हजारों परिवारों को हिम्मत मिलेगी, जो सरकारी लापरवाही की वजह से अपने अधिकारों से वंचित हैं, यह फैसला ना सिर्फ कानूनी दृष्टिकोण से अहम है, बल्कि मानवीय संवेदनाओं को भी न्याय दिलाने वाला है.