Atmanirbhar Bharat Abhiyaan: 23 जून 2025: मध्य प्रदेश के आगर-मालवा जिले की ग्रामीण महिलाओं ने यह साबित कर दिया है कि अगर जज्बा हो तो सीमित संसाधनों में भी बड़ी कामयाबी हासिल की जा सकती है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ को नया आयाम देने का काम यहां की महिलाएं कर रही हैं, ड्रेस कोड में सजी-धजी गुलाबी साड़ी पहनकर महिलाएं अब हर दिन किसी प्रोफेशनल की तरह फैक्ट्री पहुंचती हैं.
जिला मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर दूर पालखेड़ी गांव की 500 महिलाओं ने मिलकर पशु आहार उत्पादन यूनिट शुरू की है, महिलाओं के इस समूह ने न केवल स्थानीय संसाधनों का बेहतर उपयोग किया, बल्कि दूसरों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं.
Atmanirbhar Bharat Abhiyaan: बेजान इमारत में जगी उम्मीद की रौशनी
इस पहल को आकार देने में जिला प्रशासन ने भी अहम भूमिका निभाई, प्रशासन ने जब गांव की एक अनुपयोगी इमारत को महिलाओं को फैक्ट्री के लिए उपलब्ध कराया, तो महिलाओं ने उसे उम्मीदों की फैक्ट्री में बदल दिया, अनुसूचित वर्ग से आने वाली महिलाओं ने इस भवन में पशु आहार यूनिट शुरू कर आत्मनिर्भरता और आत्मसम्मान की एक मिसाल पेश की है.
रामपुर भूण्डवास बना ग्रामीण नवाचार का मॉडल
पालखेड़ी ही नहीं, रामपुर भूण्डवास गांव की महिलाएं भी पीछे नहीं हैं, यहां महिलाओं ने लिक्विड डिटर्जेंट और शैंपू की यूनिट शुरू कर अपने सपनों को नया आकार दिया है, इन कारखानों में काम कर रहीं महिलाएं अब खुद के लिए नहीं, बल्कि पूरे गांव के लिए आशा की किरण बन गई हैं.
Atmanirbhar Bharat Abhiyaan: सरकारी मदद ने बदली तस्वीर
इस बदलाव की नींव मध्य प्रदेश सरकार की ‘आजीविका मिशन’ योजना ने रखी, जिला प्रशासन और अनुसूचित जाति विभाग की ओर से महिलाओं के समूहों को लगभग 57 लाख रुपए की वित्तीय सहायता दी गई, इसमें से 8.5 लाख रुपए मशीनों की खरीद में और बाकी राशि फैक्ट्री के संचालन व कच्चे माल के लिए उपयोग में लाई गई.