भोपाल, 07 मई 2025: मध्यप्रदेश के दमोह में एक शराबी पुलिस अधिकारी की गुंडागर्दी ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया. कोतवाली थाने के ASI योगेंद्र गायकवाड़ ने नशे में धुत होकर टीकमगढ़ के एक परिवार पर जमकर कहर ढाया. महिला और बच्चों तक को नहीं बख्शा, उनके बाल खींचे और चांटे जड़े. गुस्साई भीड़ ने ‘पुलिस मुर्दाबाद’ के नारे लगाए.
मंगलवार रात करीब 10:30 बजे, जबलपुर से टीकमगढ़ जा रहा एक परिवार दमोह के अस्पताल चौराहे के पास पहुंचा. परिवार की कार में एक युवक, एक महिला और चार छोटे बच्चे सवार थे. इसी दौरान ASI योगेंद्र गायकवाड़ ने मामूली बात पर परिवार के साथ मारपीट शुरू कर दी.
थूकने की बात पर भड़का ASI
बताया जा रहा है कि कार चला रहे युवक ने खिड़की से थूका, जिसके कुछ छींटे ASI पर पड़ गए. इस बात से गुस्साए ASI ने पहले जिला जेल के सामने युवक की बेरहमी से पिटाई की. युवक किसी तरह कार लेकर भागा, लेकिन ASI ने बाइक से पीछा किया और अस्पताल चौराहे पर उन्हें दोबारा रोक लिया.
महिला-बच्चों पर भी नहीं आई दया
ASI की हैवानियत यहीं नहीं रुकी. उसने कार में मौजूद महिला और चार छोटे बच्चों को भी नहीं बख्शा. महिला के हाथ जोड़कर रहम मांगने और बच्चों के रोने की परवाह किए बिना ASI ने उनके बाल खींचे, चांटे मारे और गालियां दीं. यह सब देखकर आसपास मौजूद लोग स्तब्ध रह गए और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी.
भीड़ का विरोध, TI ने संभाला मोर्चा
स्थानीय लोगों ने ASI की इस हरकत का जमकर विरोध किया और पीड़ित परिवार की मदद की. सूचना मिलते ही कोतवाली TI मनीष कुमार मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित किया.
SP ने ASI को लाइन अटैच किया
घटना की जानकारी मिलने पर SP श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए ASI योगेंद्र गायकवाड़ को लाइन अटैच कर दिया. हालांकि, हैरानी की बात है कि ASI का मेडिकल टेस्ट नहीं कराया गया, जिससे नशे की पुष्टि नहीं हो सकी.
डर के मारे परिवार ने नहीं की शिकायत
घटना के बाद पीड़ित परिवार इतना डर गया कि उन्होंने कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की और चुपचाप वहां से चले गए. महिला लगातार रो रही थी और कह रही थी कि वह किसी कार्रवाई में नहीं पड़ना चाहती.
ASI का बचाव: ‘मेरे मुंह पर थूक पड़ा‘
ASI योगेंद्र गायकवाड़ ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि कार से थूकने के छींटे उनके मुंह पर पड़े, जिससे वह गुस्सा हो गया. सवाल यह है कि क्या इस छोटी सी बात के लिए किसी परिवार पर इस तरह की बर्बरता जायज है?
पुलिस की कार्यशैली पर सवाल
यह घटना पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े करती है. नशे में धुत एक अधिकारी का इस तरह का व्यवहार न केवल कानून व्यवस्था पर धब्बा है, बल्कि आम लोगों के बीच पुलिस के प्रति विश्वास को भी कमजोर करता है.