Army Chief General Upendra Dwivedi:29 मई: थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और उनकी पत्नी सुनीता द्विवेदी प्रभु श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट पहुंचे। यहां उन्होंने जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य से दीक्षा ली। दीक्षा लेने के बाद जनरल द्विवेदी ने गुरु दक्षिणा देने की इच्छा जताई। इस पर स्वामी रामभद्राचार्य ने दक्षिणा में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) की मांग की।
Army Chief General Upendra Dwivedi: भारत को पीओके में देखने की जताई इच्छा
तुलसी पीठ में पद्म विभूषण जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य से दीक्षा लेकर जनरल द्विवेदी ने उन्हें सेना का प्रतीक चिन्ह भेंट किया। इस अवसर पर जगद्गुरु ने कहा कि उनकी कामना है कि वह दक्षिणा में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को भारत में देखें। उन्होंने यह भी कहा कि भगवान कामतानाथ ऐसी कृपा करें कि जनरल द्विवेदी के कार्यकाल में ही उनकी और पूरे देशवासियों की यह कामना पूरी हो जाए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जगद्गुरु ने प्रशंसा की
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दुनिया भारत को नए स्वरूप में देख रही है। उन्होंने देशवासियों से प्रधानमंत्री से यह अनुरोध करने का आग्रह किया कि वह रामचरितमानस को राष्ट्र ग्रंथ घोषित कर दें। जनरल द्विवेदी ने दिव्यांग विश्वविद्यालय के छात्रों को किट और तुलसी प्रज्ञाचक्षु उच्च माध्यमिक दिव्यांग विद्यालय के छात्रों को उपहार भी दिए। उन्होंने छात्रों के साथ भारतीय सेना की आपरेशन सिंदूर में मिली सफलता को भी साझा किया।
Army Chief General Upendra Dwivedi: शस्त्र के साथ शास्त्र जरूरी
उन्होंने कहा कि युद्ध के लिए शस्त्र के साथ-साथ शास्त्र का साथ होना भी जरूरी है। उन्होंने स्वयं को शस्त्र और जगद्गुरु को शास्त्र बताया। जनरल द्विवेदी ने सेना का साथ देने के लिए सरकार की सराहना की। इससे पहले, सेना प्रमुख सुबह नौ बजे सेना के हेलीकॉप्टर से आरोग्यधाम स्थित हेलीपैड पर पहुंचे। वहां से वे सीधे कार से तुलसी पीठ पहुंचे। तुलसी पीठ सेवा न्यास के अध्यक्ष एनबी गोयल और दिव्यांग विवि के कुलपति प्रो. शिशिर कुमार पांडेय ने उनका स्वागत किया।
पत्नी ने भी ली दीक्षा
जनरल द्विवेदी ने पत्नी के साथ रामभद्राचार्य से दीक्षा ली। श्री राघव जू सरकार के दर्शन किए और आशीर्वाद मांगा। जगद्गुरू रामभद्राचार्य ने कहा कि ‘उन्हें न रत्न, न वस्त्र चाहिए, दक्षिणा में पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर चाहिए।’