---Advertisement---

कांग्रेस का मध्य प्रदेश में जोरदार प्रदर्शन!

कांग्रेस का मध्य प्रदेश में जोरदार प्रदर्शन!
---Advertisement---

उज्जैन और भोपाल में कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन बहुत ही भावुक और आक्रामक था, जिसमें पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने अपनी एकजुटता दिखाई। यह प्रदर्शन एक मुद्दे पर केंद्रित था, जिसने सभी को एक साथ लेकर आया और उनकी भावनाओं को जगाया।

जैसे ही राहुल गांधी समेत विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी की खबर सुनी, बड़ी संख्या में कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए। उन्होंने नेताओं की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन किया, जो जल्द ही पुलिस के साथ झड़प में बदल गया। पूरे मामले में काफी तनाव था, और कार्यकर्ताओं की भावनाएं काफी भड़की हुई थीं। पुलिस ने भी इस स्थिति को संभालने की कोशिश की, लेकिन माहौल काफी चार्ज्ड था। कुल मिलाकर यह एक काफी गरमाहट भरा दृश्य था, जो देश की राजनीतिक अस्थिरता को उजागर करता है।

भोपाल और उज्जैन में जब खबर आई कि राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और अखिलेश यादव जैसे नेताओं को दिल्ली में हिरासत में ले लिया गया है, तो मध्य प्रदेश के कांग्रेस कार्यकर्ता भड़क उठे। इसके बाद सड़क पर उनका आक्रोश देखा गया।

उज्जैन के पीपली नाका चौराहे पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा। वे चुनाव आयोग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जमकर नारे लगा रहे थे। वहां हालात इस कदर बिगड़ गए कि प्रदर्शनकारियों ने पुतले जलाने की कोशिश की। लेकिन पुलिस ने उन्हें ऐसा करने से रोकने कोशिश की। इसके बाद दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए और धक्का-मुक्की हो गई।

दिल्ली से शुरू हुआ विरोध अचानक मध्य प्रदेश में आकर और जोर पकड़ लिया। यहां आंदोलन बहुत तेजी से बढ़ गया है, और लगता है कि लोग अपने गुस्से को रोक नहीं पा रहे हैं। पहले तो केवल दिल्ली में ही ये आवाजें सुनाई दे रही थीं, लेकिन अब पूरे मध्य प्रदेश में लोग अपनी बात कहने के लिए सड़कों पर उतर आए हैं।

विरोध तब और तेज हो गया जब विपक्षी दल के लगभग ३०० सांसद संसद से चुनाव आयोग कार्यालय तक मार्च निकाला। उनकी मांग यह थी कि कथित वोट चोरी और वोटर वेरिफिकेशन के मुद्दे पर कार्रवाई की जाए। इस दौरान, दिल्ली पुलिस ने राहुल गांधी सहित कई प्रमुख विपक्षी नेताओं को हिरासत में ले लिया। हालांकि, उन्हें दो घंटे में रिहा कर दिया गया। यह एक बहुत बड़ा विरोध प्रदर्शन था जिसने देश का ध्यान खींच लिया।

हाल ही में, कांग्रेस के नेताओं ने बहुत चिंता जताई है और कहा है कि वर्तमान हालात में लोकतंत्र जोखिम में है। वे मानते हैं कि लोकतांत्रिक मूल्यों और सिद्धांतों पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। उनकी राय में, यदि ऐसी स्थिति बनी रही, तो देश का लोकतंत्र कमजोर हो सकता है और इससे देश की समस्याएं और गहरी हो सकती हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का कहना है कि राहुल गांधी ने जो सच्चाई उजागर की है, उससे अब बीजेपी का असली रूप सामने आ गया है। उनका आरोप है कि इससे वोट चोरी का मुद्दा पूरी तरह से स्पष्ट हो गया है।

उन्होंने लोगों और विरोधी दलों से मिलकर लोकतंत्र की हिफाजत के लिए आवाज उठाने को कहा। उन्होंने राहुल गांधी की गिरफ्तारी की भी जोरदार निंदा की।

पूरा इलाका विरोध प्रदर्शनों से भर गया था। लोग सड़कों पर उतर आए थे और अपने अधिकारों की मांग कर रहे थे। यह एक ऐसा दृश्य था जिसे देखकर पता चलता था कि लोगों का धैर्य खत्म हो गया है और वे बड़े स्तर पर अपनी बात रख रहे थे।

जब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने अपने अनुयायियों से आह्वान किया, तो उज्जैन समेत कई जिलों में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के अलावा, ब्लॉक स्तर के नेता, महिला कांग्रेस, यूथ कांग्रेस, एनएसयूआई और सेवा दल के सभी सड़कों पर उतर पड़े।

भोपाल में कांग्रेस नेताओं ने पीसीसी दफ्तर के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने पुतळा जलाया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस प्रदर्शन में कुछ बड़े नाम भी शामिल थे, जैसे कि कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख मुकेश नायक, जिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रवीण सक्सेना और अभिनव बारोलिया। प्रदर्शन के दौरान माहौल काफी गर्म रहा।

Join WhatsApp

Join Now
---Advertisement---

Leave a Comment