objectionable comment: 12june2025: मध्य प्रदेश के सीधी जिले की एक गर्भवती महिला लीला साहू ने जब अपने गांव में सड़क न होने की समस्या को उठाया, तो उन्हें उम्मीद थी कि प्रशासन और जनप्रतिनिधि उनकी आवाज़ सुनेंगे, लेकिन सड़क जैसी बुनियादी मांग पर मिला जवाब न सिर्फ असंवेदनशील था, बल्कि महिला गरिमा को भी ठेस पहुंचाने वाला रहा.
objectionable comment: तारीख बताओ, हम उठवा लेंगे
लीला साहू, जो गर्भावस्था के नौवें महीने में हैं, एक वीडियो जारी कर बताया कि खराब सड़कों की वजह से गर्भवती महिलाओं को समय पर अस्पताल पहुंचना बेहद मुश्किल हो जाता है, उन्होंने सरकार और प्रशासन से इस मुद्दे पर ध्यान देने की अपील की, लेकिन उनका दर्द सुनने की बजाय, बीजेपी सांसद डॉ. राजेश मिश्रा ने बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी. यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया और लोगों ने इसे बेहद अमानवीय और महिला-विरोधी बताया.
पहले भी उठा चुकी हैं आवाज़
लीला साहू ने बताया कि यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने सड़क की मांग उठाई हो। पिछले साल भी उन्होंने प्रशासन को इस बारे में अवगत कराया था, लेकिन आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।इस बार उनके वीडियो ने पूरे प्रदेश में बहस छेड़ दी है – क्या सरकार बुनियादी ज़रूरतें पूरी करने में असमर्थ है? क्या जनता की आवाज़ को ऐसे ही मजाक में उड़ाया जाएगा?
objectionable comment: क्या अब भी कुछ बदलेगा?
लीला साहू की अपील अब सिर्फ एक गांव की समस्या नहीं रही, यह मामला देशभर में चर्चाओं का केंद्र बन गया है – क्या आम लोगों की आवाज़ अब भी चुनी हुई सरकार तक पहुंचेगी? या फिर ऐसे असंवेदनशील बयानों के पीछे असली मुद्दे दबा दिए जाएंगे?
सरकार और प्रशासन को यह समझना होगा कि एक महिला की गुहार, एक मां बनने जा रही महिला की चिंता, किसी मज़ाक का विषय नहीं है, यह वक्त है संवेदनशीलता और ज़िम्मेदारी दिखाने का – वादे करने का नहीं, जमीन पर काम करने का.