Mp news: 4 जुलाई 2025: गर्मियों के तपते सूरज के बाद जब मानसून ने भोपाल में दस्तक दी तो लोगों ने राहत की सांस ली, लेकिन यह राहत कुछ ही दिनों में मुसीबत में बदल गई, शहर की सड़कों की हालत ऐसी हो गई है कि अब गड्ढों में सड़क ढूंढना पड़ रहा है, आए दिन हो रही बारिश ने नगर निगम और लोक निर्माण विभाग की पोल खोल दी है.
Mp news: 65 करोड़ की सड़क,पहली परीक्षा में फेल
भोपाल में इसी साल फरवरी में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 का आयोजन किया गया था, इससे पहले शहर को चमकाने और इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारने के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए। सड़कों की मरम्मत और पुनर्निर्माण पर करीब 65 करोड़ रुपये झोंके गए, लेकिन बारिश की पहली बौछार ने ही इनकी गुणवत्ता की असलियत सामने ला दी.
Mp news: सड़कें किसी जंग के मैदान से कम नहीं
शहर की प्रमुख सड़कें—वीआईपी रोड, न्यू मार्केट, होशंगाबाद रोड, ऐशबाग, निशातपुरा, अल्पना तिराहा और अवधपुरी—खस्ताहाल हो चुकी हैं, कहीं गड्ढे हैं तो कहीं उखड़ी हुई डामर की परतें, बाइक और कार सवारों के लिए ये सड़कें अब किसी जंग के मैदान से कम नहीं रहीं.
लोकपथ ऐप पर शिकायतों की बाढ़
राज्य सरकार द्वारा शुरू किए गए ‘लोकपथ’ मोबाइल ऐप पर सड़क मरम्मत को लेकर हजारों शिकायतें पहुंच रही हैं, लोग रोजाना सड़क हादसों, वाहनों के खराब होने और ट्रैफिक जाम जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं, कई क्षेत्रों में गड्ढों की वजह से वाहन चालक गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं.
Mp news: हर साल करोड़ों खर्च, फिर भी वही हाल
भोपाल में हर साल बरसात से पहले और बाद में सड़कों के सुधार के नाम पर भारी-भरकम बजट पास किया जाता है, लेकिन सड़कें हर बार बारिश के साथ बर्बाद हो जाती हैं, सवाल उठता है कि क्या ये सड़कों की खराब प्लानिंग है या फिर सिर्फ खानापूर्ति?
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि ठेकेदार और संबंधित विभागों की मिलीभगत के चलते गुणवत्तापूर्ण निर्माण नहीं होता, और यही वजह है कि हर साल जनता को वही परेशानी फिर से झेलनी पड़ती है.