Shivraj Singh Chouhan:30 जून 2025: मध्यप्रदेश के सीहोर जिले में आदिवासियों के घरों पर बुलडोजर चलाए जाने के मामले ने अब रफ़्तार पकड़ लिया है, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की नाराजगी के बाद सीहोर वन मंडलाधिकारी मगन सिंह डाबर को हटा दिया गया है, उनकी जगह अर्चना पटेल को सीहोर का नया DFO नियुक्त किया गया है, यह कार्रवाई मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के हस्तक्षेप के बाद की गई.
शिवराज से आदिवासियों ने की शिकायत
शनिवार को सीहोर कलेक्ट्रेट में हुई दिशा समिति की बैठक में सैकड़ों की संख्या में आदिवासी पहुंचे और शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की, उन्होंने आरोप लगाया कि खिवनी अभयारण्य क्षेत्र में वन विभाग ने उनके 50 से अधिक कच्चे घरों को अतिक्रमण बताते हुए तोड़ दिया, इसके विरोध में पीड़ितों ने रविवार को शिवराज के साथ मुख्यमंत्री निवास पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई.
Shivraj Singh Chouhan: तुरंत कार्रवाई, DFO पर गिरी गाज
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बैठक के तुरंत बाद सीहोर के DFO मगन सिंह डाबर को हटाने के आदेश दिए और उन्हें भोपाल स्थानांतरित कर दिया गया, उनकी जगह लघु वनोपज संघ की उप वन संरक्षक अर्चना पटेल को सीहोर का नया DFO बनाया गया है, माना जा रहा है कि यह कदम शिवराज की सख्त नाराजगी और आदिवासी समुदाय के बढ़ते आक्रोश के बाद उठाया गया.
शिवराज ने सीएम से की मुलाकात
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री से स्पष्ट शब्दों में कहा कि बरसात के मौसम में इस तरह की कार्रवाई मानवता के खिलाफ है, उन्होंने पीड़ितों को हरसंभव मदद दिलाने की मांग की, बैठक में बुधनी विधायक रमाकांत भार्गव और खातेगांव-इछावर क्षेत्र के आदिवासीप्रतिनिधि भी मौजूद रहे.
Shivraj Singh Chouhan: सीएम ने दिए जांच के आदेश
मुख्यमंत्री ने X पर पोस्ट कर बताया कि उन्होंने आदिवासियों की शिकायतों को गंभीरता से लिया है और जांच के आदेश दिए हैं, साथ ही निर्देश दिया कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो और पीड़ितों को सरकारी योजनाओं का लाभ तत्काल दिया जाए, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में मौसम के प्रतिकूल समय में कोई बेदखली नहीं होगी.
विपक्ष और संगठनों का विरोध जारी
इस मामले ने राजनीतिक तूल भी पकड़ लिया है, कांग्रेस और जयस संगठन इस कार्रवाई के विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं, धार, झाबुआ, बड़वानी, खंडवा, खरगोन और देवास सहित मालवा-निमाड़ क्षेत्र के आदिवासी नेता खिवनी में प्रदर्शन कर रहे हैं,मनावर विधायक और जयस संरक्षक डॉ. हीरालाल अलावा ने कहा, “खिवनी अभयारण्य सालों से आदिवासियों की जीवनरेखा रहा है, और अब उसी जमीन से उन्हें हटाया जा रहा है, यह अस्वीकार्य है.