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राहुल गांधी पर सीएम मोहन यादव का तीखा वार: ‘आपातकाल से लोकतंत्र कुचला गया, नेता प्रतिपक्ष की गरिमा भी गिराई

MP Samwad 2025
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MP Samwad 2025: 26 जून 2025: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राजधानी भोपाल में आयोजित ‘अमर उजाला संवाद’ कार्यक्रम के मंच से कांग्रेस और खास तौर पर राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा, उन्होंने 1975 की इमरजेंसी, तीन तलाक कानून, शाह बानो केस और कांग्रेस के ‘नेतृत्व व्यवहार’ को लेकर तीखी टिप्पणी की, मोहन यादव ने कहा कि राहुल गांधी न सत्ता में रहते शालीनता दिखा पाए और न ही विपक्ष में रहते कोई राजनीतिक मर्यादा निभा पा रहे हैं.

इमरजेंसी पर प्रहार- “देश पर थोपी गई तानाशाही”

मुख्यमंत्री ने इमरजेंसी को भारतीय लोकतंत्र का काला अध्याय बताते हुए कहा,12 जून 1975 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी का चुनाव रद्द कर दिया था, इसके महज 13 दिन बाद उन्होंने सुबह 6 बजे कैबिनेट बैठक बुलाकर देश पर आपातकाल थोप दिया, यह लोकतंत्र का सीधा गला घोंटने जैसा था, उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी के इस कदम से साफ हो गया था कि जब नेता खुद को ‘राजा-महाराजा’ समझने लगते हैं, तो वे संविधान और अदालत दोनों को नजरअंदाज कर देते हैं.

MP Samwad 2025: तीन तलाक पर भी कांग्रेस को घेरा

इंदौर की चर्चित शाह बानो केस का उल्लेख करते हुए सीएम यादव ने कहा कि 1985 में सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम महिला के हक में फैसला सुनाया, लेकिन इंदिरा गांधी सरकार ने उस फैसले को पलट दिया, “प्रधानमंत्री मोदी ने तीन तलाक पर कानून बनाकर वही फैसला दोबारा लागू किया, यह महिलाओं को न्याय दिलाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम था.

नेता प्रतिपक्ष की गरिमा को समझें राहुल गांधी”

सीएम यादव ने राहुल गांधी के व्यवहार को लेकर उन्हें सीधे तौर पर घेरा, उन्होंने कहा“अटल बिहारी वाजपेयी जैसे नेता जब विपक्ष में थे, तब भी उन्होंने गरिमा और शिष्टाचार की मिसाल पेश की, लेकिन राहुल गांधी ने नेता प्रतिपक्ष जैसे सम्मानित पद की गरिमा को नहीं समझा, उन्होंने याद दिलाया कि राहुल गांधी ने एक बार प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में उनकी कैबिनेट के फैसले को सार्वजनिक मंच से फाड़कर फेंक दिया था, जो लोकतांत्रिक मर्यादाओं का सीधा उल्लंघन था.

:MP Samwad 2025: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और ‘नरेंद्र सरेंडर’ जैसे बयान शर्मनाक

सीएम ने राहुल गांधी के हालिया बयानों पर भी आपत्ति जताते हुए कहा कि”‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर राहुल गांधी ने जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया, वैसी भाषा तो अब तक किसी विदेशी नेता ने भी भारत के लिए नहीं बोली, ‘नरेंद्र सरेंडर’ जैसे शब्दों से उन्होंने केवल प्रधानमंत्री नहीं, बल्कि देश की गरिमा का अपमान किया है.

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