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90 डिग्री टर्न वाला ओवरब्रिज बना मज़ाक, अब बदलेगी डिज़ाइन: देशभर में वायरल

90 Degree Bridge
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90 Degree Bridge, भोपाल, 18 जून 2025: भोपाल के ऐशबाग इलाके में बना रेलवे ओवरब्रिज, जो अपने 90 डिग्री के खतरनाक मोड़ के कारण देशभर में सोशल मीडिया पर ट्रोल हो चुका है, अब रीडिज़ाइन किया जाएगा। मध्य प्रदेश लोक निर्माण विभाग (PWD) और रेलवे मिलकर इस ओवरब्रिज के टर्निंग सेक्शन को फिर से डिज़ाइन करेंगे ताकि वाहनों के गिरने या टकराने का खतरा न रहे।

यह ब्रिज पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया पर चर्चा में है। 90 डिग्री के मोड़ के कारण इसे “डेंजर ब्रिज” तक कहा जा रहा है और इस पर बनाए गए मीम्स वायरल हो रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि कोई वाहन 35 किलोमीटर प्रतिघंटा से अधिक की रफ्तार से इस मोड़ को पार करता है, तो हादसे की आशंका बनी रहती है।

मंत्री ने जताई चिंता, जांच के बाद लिया गया फैसला

राज्य के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) से जांच करवाई थी। रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया कि ब्रिज का टर्निंग सेक्शन तकनीकी दृष्टि से सुरक्षित नहीं है और तेज रफ्तार पर दुर्घटनाएं हो सकती हैं। इसके बाद अब ब्रिज को रीडिज़ाइन करने का निर्णय लिया गया है।

हालांकि, पीडब्ल्यूडी और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी इस पूरे मामले पर सार्वजनिक रूप से कुछ भी कहने से बच रहे हैं।

PWD अधिकारियों के मुताबिक, पूरे ब्रिज को नहीं तोड़ा जाएगा। सिर्फ टर्निंग वाला हिस्सा दोबारा बनाया जाएगा। साथ ही, इस ब्रिज की मूल डिज़ाइन तैयार करने वाले इंजीनियरों और सलाहकारों पर जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई की जाएगी।

90 Degree Bridge: सोशल मीडिया पर बन रहा मज़ाक

ब्रिज के टर्न को लेकर देशभर में मज़ाक उड़ाया जा रहा है। यूज़र्स इसे “मौत का मोड़” और “इंजीनियरिंग की भूल” कह रहे हैं। कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि इतनी तीव्र टर्निंग आखिर किस सोच के तहत बनाई गई। साथ ही, इस पर मज़ेदार मीम्स और वीडियो क्लिप्स भी वायरल हो रही हैं।

जानकारी के मुताबिक, ऐशबाग रेलवे क्रॉसिंग को बंद किए जाने के बाद इस क्षेत्र में एक रेलवे ओवरब्रिज (ROB) की जरूरत महसूस की गई थी। उस वक्त रेलवे ने भी 90 डिग्री टर्निंग को लेकर आपत्ति जताई थी, लेकिन PWD के इंजीनियरों ने जगह की कमी का हवाला देते हुए यही डिज़ाइन आगे बढ़ाई।

अब तक अधूरा है ब्रिज, लागत 18 करोड़

इस ब्रिज का निर्माण कार्य मई 2022 में शुरू हुआ था और इसे 18 महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन जून 2025 तक भी यह पूरी तरह से तैयार नहीं हो पाया है। करीब 18 करोड़ की लागत से बने इस ब्रिज की लंबाई 648 मीटर और चौड़ाई 8 मीटर है। इसका करीब 70 मीटर हिस्सा रेलवे के अधिकार क्षेत्र में आता है।

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