Ujjain Beggar News, 15 मई 2025: इंदौर जिला प्रशासन की भिखारी मुक्त शहर बनाने की मुहिम में अधिकारियों से एक चूक हो गई जो सुर्खियां बटोरे है। 72 वर्षीय देवव्रत चौधरी, जो पेशे से इंजीनियर हैं, को भिखारी समझकर उज्जैन के सेवाधाम आश्रम भेज दिया गया। मामले की जानकारी सामने आने के बाद प्रशासन ने माफी मांगी और चौधरी को सम्मान के साथ वापस इंदौर लाया गया।
क्या हुआ था?
15 अप्रैल 2025 को इंदौर नगर निगम की टीम ने राजबाड़ा क्षेत्र के लक्ष्मी मंदिर के पास देवव्रत चौधरी को भीख मांगते हुए पकड़ा। बिना उनकी बैकग्राउंड की जांच किए, उन्हें उज्जैन के सेवाधाम आश्रम भेज दिया गया। चौधरी करीब एक महीने तक आश्रम में रहे। बाद में पता चला कि वे मुंबई की एक नामी कंपनी में इंजीनियर रह चुके हैं, उनके बैंक खाते में 10 लाख रुपये जमा हैं, और उन्हें मीसाबंदी पेंशन भी मिलती है।
Ujjain Beggar News: प्रशासन का कदम
14 मई 2025 को मीडिया में खबर फैलने के बाद इंदौर प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की। एक वाहन उज्जैन भेजकर चौधरी को वापस लाया गया। इससे पहले सेवाधाम आश्रम में उनका सम्मान किया गया, जहां उन्हें तिलक लगाकर पगड़ी पहनाई गई और शॉल-श्रीफल भेंट किया गया। आश्रम के संचालक सुधीर भाई गोयल के साथ बातचीत में चौधरी ने कहा, “मैं अब भिक्षावृत्ति नहीं करूंगा।” उन्होंने आश्रम के आतिथ्य की सराहना भी की।
भिखारी मुक्त अभियान का संदर्भ
इंदौर प्रशासन भिक्षावृत्ति को रोकने के लिए सख्त कदम उठा रहा है। नागरिक संहिता 2023 की धारा 163(1-2) के तहत भीख मांगना और देना दोनों अपराध घोषित किए गए हैं। प्रशासन का दावा है कि इस अभियान के तहत हजारों भिखारियों का पुनर्वास किया गया है। हालांकि, इस घटना ने अभियान की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं।
Ujjain Beggar News: मानवाधिकार संगठनों की चिंता
कुछ मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इस अभियान को अमानवीय करार दिया है। वरिष्ठ गांधीवादी चिंतक डॉ. चिन्मय मिश्रा ने कहा, “कोई व्यक्ति मजबूरी में ही भिक्षावृत्ति करता है। उनकी जरूरतों को पूरा करने की बजाय इसे अपराध बनाना गलत है।”
इस घटना ने प्रशासन को अधिक सावधानी बरतने की जरूरत पर जोर दिया है, ताकि भविष्य में ऐसी गलतियां न हों।