Mp Cabinet Decision, भोपाल, 13 मई 2025: मध्यप्रदेश में जंगली हाथियों के प्रबंधन और मानव-हाथी संघर्ष को कम करने के लिए राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है. मंगलवार को मंत्रि-परिषद की बैठक में 47 करोड़ 11 लाख 69 हजार रुपये की योजना को मंजूरी दी गई. यह योजना वित्तीय वर्ष 2023-24 से 2026-27 तक चार वर्षों के लिए लागू होगी.
प्रदेश के वन विभाग के अनुसार, इस योजना का उद्देश्य संरक्षित क्षेत्रों में और उनके बाहर जंगली हाथियों की सुरक्षा, निगरानी, और उनके रहवास के प्रबंधन को बेहतर करना है. योजना के तहत अब तक 2023-24 और 2024-25 में 1 करोड़ 52 लाख 54 हजार रुपये खर्च किए जा चुके हैं. आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 20 करोड़ रुपये और 2026-27 के लिए 25 करोड़ 59 लाख 15 हजार रुपये का बजट निर्धारित किया गया है.
Mp Cabinet Decision: योजना के प्रमुख बिंदु
इस योजना के तहत कई कदम उठाए जाएंगे. जंगली हाथियों की निगरानी के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा और ई-आई सर्विलांस सिस्टम शुरू होगा. मानव-हाथी संघर्ष को रोकने के लिए सोलर फेंसिंग सहित विभिन्न संरचनाएं बनाई जाएंगी. इसके अलावा, वन्यजीवों के बचाव और पुनर्वास के लिए विशेष कार्य किए जाएंगे.
प्रभावित क्षेत्रों में ग्रामीणों, वन विभाग के कर्मचारियों, और अन्य अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. मानव-हाथी संघर्ष से निपटने के लिए रैपिड रिस्पांस टीम का गठन होगा, जिसके लिए आवश्यक उपकरण और पेट्रोलिंग वाहन खरीदे जाएंगे. हाथियों की ट्रैकिंग के लिए रेडियो कॉलर का उपयोग किया जाएगा.
‘हाथी मित्र दल’ का गठन
योजना के तहत ‘हाथी मित्र दल’ के गठन को भी मंजूरी दी गई है. यह दल स्थानीय स्तर पर मानव-हाथी संघर्ष को कम करने और जंगली हाथियों की सुरक्षा में सहायता करेगा. इस पहल का लक्ष्य स्थानीय समुदायों को जागरूक करना और उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना है.
पृष्ठभूमि
मध्यप्रदेश के कुछ संरक्षित क्षेत्रों, जैसे बांधवगढ़ और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, में जंगली हाथियों का आवागमन बढ़ा है. इन क्षेत्रों में मानव-हाथी संघर्ष की घटनाएं भी सामने आई हैं, जिसके कारण फसलों को नुकसान और कभी-कभी जानमाल की हानि हुई है. इस योजना के माध्यम से सरकार इन समस्याओं का समाधान करने का प्रयास कर रही है.
हालांकि, योजना की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि इसे कितनी प्रभावी ढंग से लागू किया जाता है और स्थानीय समुदायों का सहयोग कितना मिलता है. विशेषज्ञों का कहना है कि जंगली हाथियों के संरक्षण और मानव सुरक्षा के बीच संतुलन बनाना एक जटिल चुनौती है, जिसके लिए दीर्घकालिक योजना और संसाधनों की आवश्यकता होगी.