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दतिया में बाहुबलियों का आतंक: नरोत्तम मिश्रा पर कांग्रेस का हमला, क्या है पूरा सच?

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दतिया, 25 अप्रैल 2025: मध्यप्रदेश के दतिया जिले में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। 23 अप्रैल 2025 को नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने दतिया का दौरा किया और इस दौरान उन्होंने कई गंभीर मुद्दों को उठाया। स्थानीय जनता ने उनके सामने अपनी समस्याएं रखीं, जिसके बाद उमंग सिंघार नेमध्यप्रदेश के पूर्व गृह मंत्री और दतिया के पूर्व विधायक नरोत्तम मिश्रा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने नरोत्तम मिश्रा पर क्षेत्र में आतंक, अराजकता ओर भय का माहौल बनाने का आरोप लगाया।

दतिया में दादा-पा पार्टीका राज?

उमंग सिंघार ने दतिया में भाजपा की स्थिति पर तंज कसते हुए कहा कि यहाँ अब भाजपा नहीं, बल्कि ‘दादा-पा पार्टी’ [दादा-पा पार्टी मतलब दादा(नरोत्तम मिश्रा) पार्टी का राज] का राज चल रहा है। उनके मुताबिक, पिछले 15 सालों से क्षेत्र में आतंक का माहौल है और कोई भी इसके खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा। जनता का आरोप है कि नरोत्तम मिश्रा के खिलाफ आवाज उठाने वालों पर डकैती अधिनियम के तहत झूठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पीटा जा रहा है और उनके घर तोड़े जा रहे हैं।

 नरोत्तम मिश्रा

धार्मिक नगरी दतिया, जो माँ पीतांबरा की पवित्र भूमि के लिए जानी जाती है, वहाँ शराबबंदी का आदेश पूरी तरह से विफल साबित हो रहा है। उमंग सिंघार ने बताया कि मंदिर से महज 200 मीटर की दूरी पर खुलेआम शराब बिक रही है। नशे के सौदागर बेलगाम हो चुके हैं, लेकिन प्रशासन और सरकार खामोश है। उन्होंने सवाल उठाया कि इस आध्यात्मिक नगरी को बर्बाद करने की जिम्मेदारी आखिर किसकी है?

विवेक मिश्रा और अनुराग तिवारी पर सवाल

स्थानीय लोगों ने नरोत्तम मिश्रा के कथित रिश्तेदारों पर भी गंभीर आरोप लगाए। जनता का कहना है कि नरोत्तम मिश्रा का भतीजा विवेक मिश्रा अवैध शराब कारोबार में लिप्त है और उसकी गतिविधियों से क्षेत्र में अराजकता फैली हुई है। इसके अलावा, रेंजर अनुराग तिवारी, जो कथित तौर पर नरोत्तम मिश्रा के दामाद हैं, पर भी सवाल उठे। लोगों का आरोप है कि अनुराग तिवारी के संरक्षण में जुआ और सट्टा जैसे अवैध कारोबार फल-फूल रहे हैं। जनता ने सवाल किया कि 12 साल से एक ही जगह पर उनकी पोस्टिंग क्यों बरकरार है?

आदिवासियों पर अत्याचार

उमंग सिंघार ने आदिवासी समुदाय पर हो रहे अत्याचारों का मुद्दा भी जोर-शोर से उठाया। उन्होंने बताया कि आदिवासियों को सस्ती शराब पिलाकर उनके बच्चों का भविष्य बर्बाद किया जा रहा है। बसई की एक आदिवासी माँ ने रोते हुए कहा कि कांग्रेस का समर्थन करने की वजह से उन्हें धमकियाँ दी जा रही हैं और उनकी जमीनें छीनी जा रही हैं।

भाजपा कार्यकर्ता भी नहीं बचे

आश्चर्य की बात यह है कि नरोत्तम मिश्रा पर अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने का आरोप है। उमंग सिंघार ने बताया कि रामलखन नाम के एक व्यक्ति की चक्की बंद करवा दी गई और उसे झूठे केस में फंसाकर पागल घोषित कर ग्वालियर भेज दिया गया। इसके अलावा,

50 साल से संघ के कार्यकर्ता रहे रघुवर दयाल भार्गव का मकान भी सिर्फ इसलिए तोड़ दिया गया, क्योंकि उन्होंने कांग्रेस का समर्थन किया।

चुनावी माहौल में भी दतिया की जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उमंग सिंघार ने बताया कि अगर कोई व्यक्ति चुनाव में भाजपा के लिए काम नहीं करता, तो उसके खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज कर दिए जाते हैं। यहाँ तक कि भोज आयोजन के लिए टेंट भी स्थानीय स्तर पर उपलब्ध नहीं है और लोगों को इसके लिए उत्तर प्रदेश जाना पड़ता है।

विधायक निधि से काम में अड़चन

दतिया के विधायक राजेन्द्र भारती का कहना है कि जब भी वे अपनी विधायक निधि से किसी गाँव में विकास कार्य करवाते हैं, तो उस पंचायत के खिलाफ तुरंत जाँच बैठा दी जाती है। इससे विधायकों को अपने क्षेत्र में काम करने में भारी दिक्कत हो रही है।

नरोत्तम मिश्रा पर सवालों की बौछार

उमंग सिंघार ने नरोत्तम मिश्रा से कई सवाल पूछे। उन्होंने पूछा कि इस क्षेत्र में अब तक क्या विकास कार्य हुए? यहाँ नशे का अड्डा क्यों बनाया जा रहा है? निर्दोष जनता पर झूठे मुकदमे क्यों दर्ज हो रहे हैं? उन्होंने माँग की कि नरोत्तम मिश्रा को इन सवालों का जवाब देना चाहिए।

दतिया की जनता के इन गंभीर आरोपों और उमंग सिंघार के हमले के बाद नरोत्तम मिश्रा की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। यह देखना होगा कि इस सियासी जंग का अगला मोड़ क्या होगा और दतिया की जनता को इन समस्याओं से कब तक राहत मिल पाएगी।

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