Wildlife Smuggling: 14july2025: मुरैना जिले से वन्यजीव तस्करी का एक बड़ा मामला सामने आया है, जिसने वन विभाग और पुलिस प्रशासन को भी हैरान कर दिया है, जौरा थाना पुलिस, वन विभाग और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने कार्रवाई करते हुए एक कार से 30 घड़ियाल के बच्चे और 40 दुर्लभ बाटागुर प्रजाति के कछुए बरामद किए हैं, इस मामले में तीन तस्करों को गिरफ्तार किया गया है, जो इन संरक्षित वन्यजीवों की तस्करी कर रहे थे.
तांत्रिक गतिविधियों की आशंका
सूत्रों के मुताबिक, तस्करों का मकसद इन दुर्लभ वन्यजीवों को कोलकाता (कलकत्ता) पहुंचाना था, जहां इनका इस्तेमाल कथित रूप से तांत्रिक क्रियाओं या काले जादू में किया जाता है, कुछ तांत्रिक इन जीवों का प्रयोग ‘माया निकालने’ जैसी अंधविश्वासी गतिविधियों के लिए करते हैं, यह पहलू जांच का विषय बना हुआ है.
Wildlife Smuggling: कार से ले जा रहे थे चैन में बंद जीव
पुलिस ने एक कार को पकड़ा जिसमें ये तीनों तस्कर सफर कर रहे थे, वे इन वन्यजीवों को चैन में बंद झोले में रखकर ले जा रहे थे, एसडीओपी नितिन एस. बघेल ने बताया कि तस्करों के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की सख्त धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है.
कलकत्ता भेजने की थी योजना
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान राजू आदिवासी (मऊरानीपुर, यूपी), विजय गौर (ठाठीपुर, ग्वालियर) और रामवीर (पिंटू पार्क, ग्वालियर) के रूप में हुई है, पूछताछ में आरोपियों ने चौंकाने वाला खुलासा किया कि ये घड़ियाल और कछुए राजस्थान से खरीदे गए थे और उन्हें कलकत्ता भेजा जाना था, आरोपियों ने बताया कि हाल ही में उन्होंने 38 कछुए राजस्थान के वन्यजीव तस्करों से खरीदे थे और उन्हें ग्वालियर स्थित एक फ्लैट में छिपाकर रखा था.
Wildlife Smuggling: वन विभाग को सौंपे गए जीव
बरामद किए गए सभी घड़ियाल के बच्चों और कछुओं को वन विभाग को सौंप दिया गया है, अधिकारियों का कहना है कि इन दोनों प्रजातियों – बाटागुर कछुआ और घड़ियाल – का शिकार या व्यापार पूरी तरह अवैध है और यह वन्यजीव संरक्षण अधिनियम का गंभीर उल्लंघन है.
ले जा रहे थे चैन में बंद जीव