Guarding the digital call: 11july2025: अब सोशल मीडिया सिर्फ भावनाओं को बयां करने का माध्यम नहीं रहा, बल्कि यह जिंदगी बचाने का प्लेटफॉर्म बनता जा रहा है, मध्यप्रदेश में बढ़ते आत्महत्या के मामलों को देखते हुए एक नई पहल की शुरुआत की गई है, मेटा और मध्यप्रदेश साइबर पुलिस ने मिलकर ऐसा सिस्टम तैयार किया है जो सोशल मीडिया पर आत्महत्या से जुड़े संकेतों को पहचान कर समय रहते मदद पहुंचाने का काम करेगा.
Guarding the digital call: मेटा और पुलिस की गठजोड़
फेसबुक और इंस्टाग्राम यूजर्स द्वारा पोस्ट किए गए डिप्रेसिंग, आत्महत्या से जुड़े कंटेंट और लाइव वीडियोज़ पर अब मेटा की टीम तुरंत अलर्ट जारी करती है, जैसे ही कोई संदिग्ध पोस्ट सामने आता है, मेटा उस यूजर की लोकेशन ट्रैक कर साइबर पुलिस को अलर्ट भेजता है, इसके बाद पुलिस की डेडिकेटेड टीम न सिर्फ उस व्यक्ति की पहचान करती है, बल्कि तत्काल मदद के लिए स्थानीय थाने को सक्रिय करती है.
Guarding the digital call: जब शब्द चुप हो जाएं, सिस्टम बोलेगा
अक्सर देखा गया है कि आत्महत्या का कदम उठाने से पहले लोग सोशल मीडिया पर अपने दर्द और हताशा को किसी न किसी रूप में बयां करते हैं, कई मामलों में ये पोस्ट उनकी आखिरी पुकार बनती हैं जिन्हें नजरअंदाज कर दिया जाता है, अब इन संकेतों को गंभीरता से लेने और तुरंत ऐक्शन लेने के लिए साइबर पुलिस ने मेटा के साथ मिलकर एक मजबूत निगरानी तंत्र विकसित किया है.
सायबर की नई यूनिट
मध्यप्रदेश के पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र ने बताया, “हमने इस मिशन के लिए एक नोडल ऑफिसर और विशेष टीम गठित की है जो 24×7 अलर्ट्स की निगरानी करती है, जैसे ही मेटा की ओर से कोई सूचना मिलती है, टीम तेजी से एक्शन लेती है और कई मामलों में समय रहते जान बचा ली जाती है.
Guarding the digital call: इमोशनल रेस्क्यू मिशन
मनोचिकित्सकों की मानें तो आत्महत्या का प्रयास करने वाला व्यक्ति दरअसल चाहता है कि उसे कोई सुने, डॉक्टर रोमा भट्टाचार्य का कहना है, “आज का युवा खुद को अकेला महसूस करता है, इसलिए सोशल मीडिया पर अपने दर्द को पोस्ट करता है, इस तकनीकी पहल से उनकी आवाज सुनी जा सकेगी और उन्हें समय रहते सहारा मिल सकेगा.
एक सफल उदाहरण
इस सिस्टम की सफलता का उदाहरण हाल ही में सिंगरौली जिले में देखने को मिला, यहां एक नाबालिग लड़की ने इंस्टाग्राम पर आत्महत्या की कोशिश का लाइव वीडियो पोस्ट किया, मेटा ने तुरंत साइबर पुलिस को अलर्ट भेजा और 15 मिनट के भीतर पुलिस मौके पर पहुंचकर लड़की की जान बचाने में कामयाब रही.
Guarding the digital call: हर पोस्ट एक पुकार हो सकती है…
आत्महत्या की घटनाएं रोकने की यह डिजिटल मुहिम एक नई सोच का प्रतीक है—जहां टेक्नोलॉजी को इमोशनल इंटेलिजेंस के साथ जोड़ा जा रहा है, हर शब्द, हर संकेत की अहमियत को समझते हुए एक ऐसा तंत्र विकसित किया गया है, जो कहता है—”हर जान कीमती है, हर पुकार जरूरी है