नई दिल्ली, 14 मई 2025: मध्य प्रदेश सरकार मे मंत्री कुंवर विजय शाह द्वारा बीते मंगलवार भारतीय सेना की कर्नल Sofiya Qureshi के खिलाफ कथित आपत्तिजनक और सांप्रदायिक टिप्पणी के मामले में जबलपुर हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए कड़ा कदम उठाया है. कोर्ट ने शाह के खिलाफ गंभीर आपराधिक धाराओं में FIR दर्ज करने का आदेश दिया है. इस टिप्पणी ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में तीखी प्रतिक्रिया उत्पन्न की है, जिसके बाद कांग्रेस ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया.
विजय शाह ने क्या कहा?
मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मंगलवार को एक वीडियो साझा किया, जिसमें विजय शाह कथित तौर पर कहते सुनाई दिए, “जिन्होंने हमारी बेटियों का सिंदूर उजाड़ा था… हमने उनकी बहन को भेजकर उनकी ऐसी-तैसी करवाई.” यह बयान कर्नल सोफिया कुरैशी के संदर्भ में था, जिन्होंने हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत देश को संबोधित किया था. कांग्रेस ने इस टिप्पणी को “अपमानजनक, शर्मनाक और अशोभनीय” करार देते हुए तीखी आलोचना की.
उमंग सिंघार ने कहा, “विजय शाह ने एक सेना अधिकारी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की है. वे पहले भी पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी के खिलाफ विवादास्पद बयान दे चुके हैं, जिसके बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था. जबलपुर हाई कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया और FIR का आदेश दिया, लेकिन मुख्यमंत्री मोहन यादव की चुप्पी सवाल उठाती है. वे विजय शाह का इस्तीफा कब लेंगे?”
कांग्रेस का तीखा हमला
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस मुद्दे पर बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, “पहलगाम के आतंकवादियों ने देश को तोड़ने की कोशिश की, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के जरिए देश ने एकजुट होकर जवाब दिया. बीजेपी-आरएसएस की मानसिकता हमेशा महिलाओं के खिलाफ रही है. पहले पहलगाम में शहीद नौसेना अधिकारी की पत्नी को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया गया, फिर विदेश सचिव विक्रम मिस्री की बेटी को परेशान किया गया, और अब कर्नल सोफिया कुरैशी पर ऐसी टिप्पणी की गई.” खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शाह को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की.
कर्नल Sofiya Qureshi की भूमिका
कर्नल सोफिया कुरैशी को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत देश को संबोधित करने की जिम्मेदारी दी गई थी. कई प्रेस ब्रीफिंग में उन्होंने और भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने विदेश सचिव विक्रम मिस्री के साथ मंच साझा किया और सशस्त्र बलों व सरकार की ओर से बयान दिए.
यह मामला न केवल एक मंत्री के बयान से जुड़ा है, बल्कि यह सेना के सम्मान, महिलाओं के प्रति दृष्टिकोण और राजनीतिक जवाबदेही जैसे गंभीर मुद्दों को भी उजागर करता है. जबलपुर हाई कोर्ट का स्वत: संज्ञान लेना इस मामले की गंभीरता को दर्शाता है. हालांकि, यह देखना बाकी है कि क्या मध्य प्रदेश सरकार या बीजेपी नेतृत्व इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम उठाएगा, या यह विवाद केवल राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तक सीमित रहेगा.