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उज्जैन महाकाल मंदिर में अचानक आग, वायरल हुईं धुएं की तस्वीरें

उज्जैन महाकाल मंदिर
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भोपाल, 05 मई 2025: मध्यप्रदेश मे उज्जैन के प्रसिद्ध महाकाल मंदिर परिसर में सोमवार दोपहर को कंट्रोल रूम की छत पर भीषण आग लग गई। आग की लपटें और धुआं दूर से ही दिखाई दे रहा था, जिसके चलते मंदिर में श्रद्धालुओं का प्रवेश तत्काल रोकना पड़ा। इस हादसे में मंदिर समिति के कर्मचारी संतोष पाठक के दोनों हाथ झुलस गए। प्रारंभिक जांच में आग का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है।

उज्जैन महाकाल मंदिर

उज्जैन महाकाल मंदिर : कंट्रोल रूम की छत पर लगी आग

घटना मंदिर के गेट नंबर 1 पर स्थित अवंतिका गेट के कंट्रोल रूम की छत पर हुई। आग पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के एयर क्वालिटी मैनेजमेंट सिस्टम की बैटरियों में लगी, जिससे बैटरियां पूरी तरह जल गईं। सूचना मिलते ही दमकल विभाग की टीमें मौके पर पहुंची और कुछ ही देर में आग पर काबू पा लिया गया। इसके बाद मंदिर के गेट को दोबारा खोल दिया गया।

उज्जैन महाकाल मंदिर : कर्मचारी के हाथ झुलसे, कोई जनहानि नहीं

आग बुझाने की कोशिश के दौरान मंदिर समिति के कर्मचारी संतोष पाठक छत पर पहुंचे। जल रहे पाइप को हटाने के प्रयास में उनके दोनों हाथों की हथेलियां बुरी तरह झुलस गईं। उन्हें तुरंत मंदिर के अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

महाकाल मंदिर प्रशासक प्रथम कौशिक ने बताया, “कंट्रोल रूम की छत पर लगी आग को तुरंत काबू कर लिया गया। इस घटना में केवल बैटरियों को नुकसान हुआ है, किसी प्रकार की जनहानि की सूचना नहीं है।”

कलेक्टर-एसपी मौके पर पहुंचे

आग की सूचना मिलते ही कलेक्टर रोशन सिंह, उज्जैन एसपी प्रदीप शर्मा, नगर निगम कमिश्नर आशीष पाठक और मंदिर प्रशासक प्रथम कौशिक सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने स्थिति का जायजा लिया और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की।

शॉर्ट सर्किट बना आग का कारण

प्रारंभिक जांच में आग का कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है। मंदिर परिसर में लगे एयर क्वालिटी मैनेजमेंट सिस्टम की बैटरियों में खराबी के चलते यह हादसा हुआ। अधिकारियों ने मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

आग की लपटें और धुआं देखकर मंदिर परिसर में मौजूद श्रद्धालुओं में दहशत फैल गई। प्रवेश रोकने के कारण कई भक्तों को गेट के बाहर इंतजार करना पड़ा। स्थिति सामान्य होने के बाद ही उन्हें दर्शन की अनुमति दी गई।

यह घटना मंदिर प्रशासन के लिए एक चेतावनी है कि सुरक्षा उपायों और इलेक्ट्रिकल सिस्टम की नियमित जांच को और सख्त करना होगा।

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